Haryana News: हरियाणा में मंगलवार को धर्मांतरण पर रोक लगाने के कानून को मंजूरी दी गई है। अब हरियाणा में कोई भी महिला और पुरुष शादी के लिए अपना धर्म नहीं बदल पाएगा। इतना ही नहीं इस नियम का उल्लंघन करने पर 3 से 10 साल तक की जेल और पांच लाख रुपये तक का जुर्माने प्रावधान रखा गया है।
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हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि पिछले बजट सत्र के दौरान हरियाणा धर्म परिवर्तन की रोकथाम विधेयक 2022 पारित किया गया था और अब इसे अधिसूचित किया गया है। इस एक्ट के तहत कोई भी व्यक्ति दबाव बनाकर, शादी का झांसा देकर या डरा धमका कर, धमकी देकर किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता है।
स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए यहां आवेदन
गृहमंत्री ने आगे अधिनियम के बारे में स्पष्ट करते हुए बताया कि इस अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि कोई स्वेच्छा से अपना धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो संबंधित जिले के उपायुक्त को आवेदन दिया जा सकता है। उपायुक्त के संतुष्ट होने पर आवेदन स्वीकृत किया जा सकेगा। उन्होंने कहा हाल ही में सोनीपत जिले में अवैध धर्मांतरण का मामला सामने आया है।
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संपत्ति नीलाम कर पीड़ित की भरपाई
जानकारी के मुताबिक हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून में आरोपी को पीड़ित को गुजारा भत्ता भी देना होगा। साथ ही मतांतरण के बाद विवाह से जन्मे बच्चों को पालन-पोषण राशि देनी होगी। वहीं, यदि किसी आरोपी की मृत्यु हो जाती है तो अचल संपत्ति को नीलाम करके पीड़ित को भरपाई की जाएगी। बता दें हरियाणा देश का 11वां बीजेपी शासित प्रदेश बन गया है, जहां इस तरह का कानून बनाया गया है। पिछले चार वर्षों में हरियाणा में जबरन धर्मांतरण के करीब 127 मामले दर्ज हुए हैं।
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