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श्रुति चौधरी कौन? पूर्व CM बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाला, नायब सरकार में बनीं मंत्री

Haryana CM Oath Ceremony: हरियाणा के मुख्यमंत्री के तौर पर नायब सिंह सैनी ने शपथ ग्रहण कर ली है। पीएम मोदी की मौजूदगी में 2 महिला मंत्रियों ने भी शपथ ली। तोशाम से पहली बार जीतकर पहुंचीं श्रुति चौधरी को मंत्री बनाया गया है। वे पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती हैं। उनके बारे में जानते हैं।

किरण चौधरी, श्रुति चौधरी।
Nayab Singh Saini Swearing In Ceremony: हरियाणा के सीएम के तौर पर नायब सिंह सैनी ने शपथ ले ली है। दो महिलाओं को भी मंत्री बनाया गया है। पहली बार तोशाम सीट पर कमल खिलाने वालीं श्रुति चौधरी को भी मंत्री बनाया गया है। 48 वर्षीय श्रुति चौधरी इससे पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुकी हैं। हरियाणा में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनी है। लाडवा के विधायक नायब सिंह सैनी को फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया है। पार्टी ने उनके ही फेस पर चुनाव लड़ा था। उनके नेतृत्व में पूर्ण बहुमत बीजेपी को मिला था। बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 48 सीटें हासिल कीं। श्रुति चौधरी हरियाणा के पूर्व सीएम रहे बंसीलाल की पोती हैं। जो अब अपने दादा की राजनीतिक विरासत को संभाल चुकी हैं। यह भी पढ़ें:बलराज कुंडू जैसे एक और प्रत्याशी… चुनाव हारते ही बंद की रसोई, रोजाना पांच रुपये में खिला रहे थे खाना बंसीलाल की बहू किरण चौधरी उपचुनाव समेत 4 बार तोशाम सीट से जीत हासिल कर चुकी हैं। इस बार कांग्रेस ने भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से श्रुति चौधरी को टिकट नहीं दिया था। चुनाव के बाद किरण चौधरी अपनी बेटी के साथ बीजेपी में शामिल हो गई थीं। किरण राज्यसभा सांसद बन चुकी हैं। श्रुति ने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर ही लोकसभा चुनाव भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से जीता था। उनकी शादी अरुणाभ चौधरी से हुई है। श्रुति चौधरी दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज से बीए ऑनर्स कर चुकी हैं। इसके बाद आगे की पढ़ाई आगरा की बीआर आंबेडकर यूनिवर्सिटी से की थी। वे एलएलबी कर चुकी हैं।

तोशाम से हासिल की जीत

इस बार बीजेपी ने उनको पारंपरिक सीट तोशाम से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था। कांग्रेस ने उनके चचेरे भाई और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया था। श्रुति ने इस सीट से 14257 वोटों से जीत हासिल की। उन्हें कुल 76414 वोट मिले थे। वहीं, अनिरुद्ध को 62157 वोट मिले। बता दें कि निर्दलीय प्रत्याशी शशि रंजन यहां से 15859 वोट हासिल करने में सफल रहे थे। इस बार हरियाणा की 90 सीटों में से कांग्रेस ने 37 और बीजेपी ने 48 पर जीत हासिल की है। 3 सीटों पर निर्दलीय और 2 पर इनेलो को जीत मिली। यह भी पढ़ें:नतीजों के बाद कांग्रेस में रार तेज; समीक्षा बैठक से हुड्डा-उदयभान गायब; राहुल गांधी ने बताई हार की ये वजह


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