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वो 5 जिले, जहां बंपर जीत के बाद भी नहीं खुला BJP का खाता… कांग्रेस की हुई बल्ले-बल्ले

Haryana Assembly Election Result 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को जीत दिलाने में कई चेहरों की भूमिका रही। संगठन प्रबंधन, सीएम के फैसले और कांग्रेस के अति उत्साह ने तीसरी बार पार्टी को सत्ता की दहलीज पर पहुंचा दिया। लेकिन 5 जिले ऐसे रहे, जहां बीजेपी का खाता ही नहीं खुला।

Haryana Assembly Election Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले रहे। एग्जिट पोल्स में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा था। लेकिन ठीक इसके उल्ट बीजेपी के पक्ष में नतीजे आए। अहीरवाल इलाके में बीजेपी को बंपर वोट मिले। मगर पांच ऐसे जिले भी रहे, जहां बीजेपी का खाता ही नहीं खुला। नूंह, सिरसा, झज्जर, फतेहाबाद और रोहतक में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी। इन जिलों में 19 विधानसभा सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा। जाट लैंड और बागड़ में कांग्रेस को फायदा मिला। लेकिन बीजेपी को इस नुकसान की भरपाई करनाल, रेवाड़ी, पानीपत, चरखी दादरी और भिवानी से हो गई। इन जिलों में सभी सीटें बीजेपी को मिलीं।

जीटी रोड बेल्ट में बीजेपी आगे

कुरुक्षेत्र के जीटी रोड बेल्ट इलाके में बीजेपी को जबरदस्त वोट मिले। जिसने सत्ता की दहलीज तक पहुंचने का रास्ता आसान कर दिया। अहीरवाल इलाके से यादवों के 12 फीसदी वोट राव इंद्रजीत की वजह से बीजेपी को मिले। जीटी रोड बेल्ट में कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत, करनाल, पंचकूला, यमुनानगर और अंबाला जिले आते हैं। कुरुक्षेत्र और कैथल जिले में 8 सीटें हैं। यहां बीजेपी को सिर्फ 1-1 सीट मिली। इस बार बीजेपी को जीटी रोड बेल्ट में 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिलीं। पिछली बार बीजेपी को 14 सीटें मिली थीं। देशवाली यानी जाटलैंड में भी बीजेपी का असर दिखा। यह भी पढ़ें:नतीजों के बाद कांग्रेस में रार तेज; समीक्षा बैठक से हुड्डा-उदयभान गायब; राहुल गांधी ने बताई हार की ये वजह रोहतक, झज्जर से बीजेपी खाली हाथ रही, लेकिन साथ लगते इलाकों की 7 सीटों पर जीत मिली। 2019 में भी बीजेपी को 7 सीटें मिली थीं। इस बार लग रहा था कि यहां से बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी। मगर यहां बीजेपी की अपनी रणनीति कारगर रही। राव इंद्रजीत का असर अहीरवाल इलाके में दिखा। गुड़गांव, फरीदाबाद, नूंह, पलवल, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में 28 सीटें हैं। कांग्रेस को यहां सिर्फ 7 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी के खाते में 21 सीटें गईं। इनेलो-बसपा, जेजेपी-एएसपी का कोई असर नहीं दिखा। केंद्रीय नेतृत्व ने राव इंद्रजीत की पसंद के हिसाब से उम्मीदवार उतारे थे।

राव इंद्रजीत का दिखा असर

राव इंद्रजीत यादव वोटरों को अपनी तरफ खींचने में सफल रहे। शहरी इलाकों में तो बीजेपी के सामने कोई पार्टी टिक ही नहीं पाई। राव इंद्रजीत राज्यमंत्री बनाए जाने से नाराज थे। इसके बाद भी उनके समर्थक बीजेपी के साथ रहे। हरियाणा के बागड़ इलाके (दूसरे जाटलैंड) फतेहाबाद, सिरसा, हिसार और चरखी दादरी जिले में बीजेपी को जाट वोटरों का नुकसान झेलना पड़ा। सिरसा और फतेहाबाद में तो खाता ही नहीं खुला। हिसार की सात में से तीन ही सीटों पर जीत मिली। चरखी दादरी से दो सीटें मिलीं। वहीं, सिरसा में दो सीटें इनेलो जीत गया। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 36.49 फीसदी वोट मिले थे। जो अब 3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 39.94 हो गए। कांग्रेस के वोट बैंक में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। यह भी पढ़ें:चुनाव हारने पर उतारा गुस्सा, बेटियों के लिए फ्री 18 बसें की बंद… पूर्व विधायक का तंज-नए MLA से चलवाओ बस


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