विपिन श्रीवास्तव, इंदौर: डिप्टी कलेक्टर बनने का सपना लेकर इंदौर आए पीएससी स्टूडेंट ने समोसे की दुकान खोली है। स्टूडेंट का कहना है लंबे समय से पीएससी में भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं होने से बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है। पिता किसान है और खेती करते है । अब उनसे जेब खर्च नहीं ले सकता। स्टूडेंट ने दुकान का नाम भी पीएससी समोसा रखा है।
दरअसल 2019 एमपीपीएससी में भर्ती को लेकर लगातार पीएससी स्टूडेंट्स अपना विरोध करते नजर आ रहे हैं । स्टूडेंट्स भी परिवार से दूर रहकर अपना खर्च खुद निकालने पर अब मजबूर हो गए हैं। मध्य प्रदेश के रीवा के छोटे से गांव के रहने वाले अजीत सिंह का कहना है पिता किसान है और आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। जिसके कारण दोस्तो के साथ समोसे की दुकान खोली है। अजीत ने 2019 , 2020 और 2021 में पीएससी परीक्षाएं दी है पर मध्य प्रदेश में एमपीपीएससी भर्ती प्रक्रिया नहीं कर रही है। जिसके कारण अजीत समेत हजारों स्टूडेंट्स बेरोजगार होते जा रहे हैं।
इससे पहले पीएससी स्टूडेंट इंदौर , भोपाल , जबलपुर , ग्वालियर में प्रदर्शन किया था। 15 अगस्त को इंदौर में भी बड़ी संख्या में तिरंगा यात्रा निकालकर पीएससी स्टूडेंटस ने अपना विरोध दर्ज कराया था। अजीत का कहना है सरकार एक साल में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर कर स्टूडेंट्स को सरकारी नौकरी दें। मेरा खुद का सपना भी डिप्टी कलेक्टर बनने का है । अजीत ने बीएससी मैथ किया है और बी एड रनिंग कर रहें है। साथ ही पीएससी की तैयारी भी कर रहे हैं । जिसके लिए में अभी सतत प्रयास कर रहा हूं। नौकरी नहीं करने का कारण भी यही है।