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Morbi Tragedy: जांच में दावा- ओरेवा ग्रुप ने रिनोवेशन के 2 करोड़ में से सिर्फ 12 लाख रुपये ही खर्च किए

Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी हैंगिंग ब्रिज गिरने के मामले में जारी जांच के बीच दावा किया गया है कि ब्रिज के रेनोवेशन के लिए आवंटित दो करोड़ रुपये में से सिर्फ 12 लाख रुपये ही खर्च किए गए थे। अहमदाबाद स्थित ओरेवा ग्रुप मोरबी में सस्पेंशन केबल ब्रिज के नवीनीकरण और मरम्मत के लिए […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Nov 5, 2022 08:55
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Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी हैंगिंग ब्रिज गिरने के मामले में जारी जांच के बीच दावा किया गया है कि ब्रिज के रेनोवेशन के लिए आवंटित दो करोड़ रुपये में से सिर्फ 12 लाख रुपये ही खर्च किए गए थे। अहमदाबाद स्थित ओरेवा ग्रुप मोरबी में सस्पेंशन केबल ब्रिज के नवीनीकरण और मरम्मत के लिए जिम्मेदार था। बता दें कि ओरेवा ग्रुप अजंता की सहायक कंपनी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुल के नवीनीकरण के लिए आवंटित कुल राशि का केवल 6% ही खर्च किया गया।

ओरेवा ग्रुप को इस साल मार्च में मोरबी पुल के रखरखाव का अनुबंध दिया गया था। ओरेवा ग्रुप के अध्यक्ष जयसुख पटेल ने 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि गुजराती नव वर्ष पर पुल को फिर से खोलना सुरक्षित है। बता दें कि हादसे में करीब 140 लोगों की मौत हो गई थी।

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जांच में ओरेवा ग्रुप की कई खामियां सामने आईं

हादसे के कारणों की जांच ने ओरेवा ग्रुप की कई अनियमितताओं को उजागर किया है। ग्रुप ने नवीनीकरण का उप-अनुबंध किया था और पुल को ठीक करने की जिम्मेदारी ध्रांगधरा स्थित फर्म देवप्रकाश सॉल्यूशंस को दी थी। ओरेवा की तरह, उपठेकेदारों के पास भी इस तरह के काम के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी का अभाव था। पुल की मरम्मत पर खर्च किए गए पैसे का जिक्र देवप्रकाश सॉल्यूशंस से जब्त दस्तावेजों में है।

अगले 15 साल के लिए मार्च में ठेका मिला था

मार्च 2022 में ओरेवा ग्रुप की मूल कंपनी, मोरबी नगर निगम और अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के बीच 15 साल के रखरखाव अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे, जो 2037 तक वैध था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मोरबी नागरिक निकाय को सूचित किए बिना कथित रूप से बंद होने के सात महीने के भीतर पुल को फिर से खोल दिया।

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अब तक की जांच में ये बातें आईं सामने

  • ओरेवा समूह ने पुल के रखरखाव के लिए आवंटित 2 करोड़ रुपये में से केवल 12 लाख रुपये खर्च किए।
  • ओरेवा समूह ने ध्रांगधरा स्थित फर्म देवप्रकाश सॉल्यूशंस को मरम्मत कार्य का उप-अनुबंध किया था।
  • ओरेवा की तरह, देवप्रकाश सॉल्यूशंस में भी इस तरह के काम के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी का अभाव है।
  • मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला को निलंबित कर दिया गया है।
  • कथित तौर पर ‘मरम्मत’ पुल का उद्घाटन ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुखभाई पटेल ने किया था।
  • गुजरात के अधिकारियों ने यह भी दावा किया है कि ओरेवा को पुल को जनता के लिए खोलने की अनुमति नहीं थी।
  • मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड, ओरेवा समूह की मूल कंपनी के बीच 15 साल के रखरखाव अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए, जो 2037 तक वैध था।

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Edited By

Om Pratap

First published on: Nov 05, 2022 08:55 AM

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