Meet Gujarat Razia Sheikh: टोक्यों ओलंपिक 2020 में भारत को जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीताने वाले खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने इस बाद पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है। इसमे कोई शक नहीं कि नीरज चोपड़ा ने भारत में जेवलिन थ्रो के खेल को एक नहीं पहचान दी है। नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श मानते हुए कई भारतीय युवा जेवलिन थ्रो के खेल में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि नीरज चोपड़ा से पहले भी जेवलिन थ्रो के खेल में भारत ने गोल्ड मेडल जीता था। भारत को ये गोल्ड गुजरात के वडोदरा की रजिया शेख ने दक्षिण एशियाई खेलों में दिलाया था।
1987 में भारत के लिए जीता गोल्ड
1987 के दक्षिण एशियाई खेलों में जेवलिन थ्रो में भारत के लिए गोल्ड जीतने के बाद भी रजिया शेख को उनके हिस्से की पहचान नहीं मिली। लेकिन टोक्यों ओलंपिक 2020 में नीरज चोपड़ा के गोल्ड जीताने बाद उन्होंने अपने करियर को एक नया मोड़ दिया। दरअसल, इसके बाद एक युवा लड़ने सावंत ने जेवलिन थ्रो खेलने की इच्छा जाहिर की और ट्रेनिंग के लिए कोच की तलाश करने लगा। इस दौरान उसकी मुलाकात रजिया शेख से हुई। सांवत की दिलचस्पी देखकर शेख ने उन्हें फ्री में जेवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देने का फैसला किया।
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गुजरात के युवाओं को दे रही फ्री ट्रेनिंग
रजिया शेख ने 2022 की शुरुआत में 16 से 25 साल के महत्वाकांक्षी युवाओं को जेवलिन थ्रो की ट्रेनिंग देनी शुरू की। उन्होंने कहा कि कई लोग इस खेल से अनजान थे, इसलिए मैंने उन्हें भाला, नियम, फिटनेस और इसकी ओलंपिक क्षमता के बारे में सिखाना शुरू किया। फिलहाल रजिया शेख ने अब तक 25 लड़के और लड़कियों को ट्रेंड किया है। इन से कई खिलाड़ियों को रजिया शेख ने अपने रेलवे पेंशन से भाला खरीद कर दिया है।