हर साल 24 अप्रैल को देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। यह दिन गांवों की सरकार यानी ग्राम पंचायतों की ताकत और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस बार यह दिन गुजरात के लिए और भी खास बन गया है। भारत सरकार द्वारा पहली बार जारी किए गए पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI) में गुजरात ने पूरे देश में पहला स्थान हासिल किया है। गांवों के विकास और अच्छी योजनाओं को लागू करने में गुजरात की पंचायतों ने देशभर में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। यह राज्य के लिए गर्व की बात है।
गुजरात का देश में पहला स्थान
भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने पहली बार “पंचायत उन्नति सूचकांक” (PAI) जारी किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे देश में गुजरात की पंचायतों ने सबसे अच्छा काम किया है। यह रिपोर्ट साल 2022-23 के आंकड़ों पर बनी है। गुजरात की 346 ग्राम पंचायतों को “अग्रणी” यानी सबसे अच्छा काम करने वाली पंचायतें माना गया है। इसके अलावा 13,781 पंचायतों को “बेहतर प्रदर्शन” करने वाली पंचायतों की श्रेणी में रखा गया है। इन दोनों श्रेणियों में गुजरात का नंबर सबसे ऊपर है। यह बड़ी सफलता मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की अगुवाई और राज्य सरकार की पंचायतों को मजबूत करने की नीतियों की वजह से मिली है। गुजरात की सरकार ने गांवों की पंचायतों को ताकत देने के लिए अच्छा काम किया है और उसका नतीजा इस रिपोर्ट में दिखाई दे रहा है।
24 अप्रैल और पंचायती राज का महत्व
हर साल 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। यह दिन 1992 में लागू हुए 73वें संविधान संशोधन की याद दिलाता है, जिसके बाद भारत में पंचायती राज प्रणाली की शुरुआत हुई थी। इस साल इस दिन के मौके पर एक पंचायत उन्नति सूचकांक जारी किया गया, जिसमें राज्य की पंचायतों के कामकाज और विकास कार्यों का मूल्यांकन किया गया। गुजरात की यह सफलता राज्य में मजबूत शासन और ग्रामीण विकास के प्रति सरकार की निष्ठा को दिखाती है।
देशभर में पंचायतों का आंकड़ा
इस सूचकांक के मुताबिक, पूरे देश में कुल 2,16,285 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से केवल 699 पंचायतों को “अग्रणी” यानी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा 77,298 पंचायतों को “बेहतर प्रदर्शन” और 1,32,392 पंचायतों को “आकांक्षी” श्रेणी में रखा गया है। इनमें से गुजरात की पंचायतों ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया और पहले स्थान पर रही। तेलंगाना की 270 पंचायतों को “अग्रणी” श्रेणी में रखा गया और वह दूसरे स्थान पर है। महाराष्ट्र और तेलंगाना की पंचायतें अच्छे काम के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर हैं।
सफलता के पीछे रणनीति और योजना
गुजरात के पंचायत विभाग के अतिरिक्त विकास आयुक्त डॉ. गौरव दहिया ने कहा कि यह सफलता राज्य सरकार की अच्छी योजना, विभागों के बीच अच्छे तालमेल, डेटा पर आधारित योजना और मजबूत स्थानीय शासन का नतीजा है। पंचायत उन्नति सूचकांक 9 महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर आधारित है जैसे गरीबी, स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, स्वच्छता, बुनियादी ढांचा, सामाजिक न्याय, सुशासन, और महिला सशक्तिकरण। इन क्षेत्रों में 435 संकेतकों और 566 डेटा बिंदुओं के जरिए पंचायतों का मूल्यांकन किया गया है। यह सूचकांक गांवों के सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है जो “विकसित पंचायत” से “विकसित भारत” के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर रहा है।