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Gujarat: माउंट आबू-जूनागढ़ में 8650 युवाओं को फ्री में मिली एडवेंचर एक्टिविटीज ट्रेनिंग, जानें क्या है योजना?

Gujarat 8650 Youth Got Free Adventure Activities Training: गुजरात सरकार की कई यूथ ओरिएंटेड एक्टिविटी के जरिए अब तक कुल 8,650 युवाओं को माउंट आबू-जूनागढ़ में एडवेंचर एक्टिविटीज की फ्री ट्रेनिंग दी गई है।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Oct 5, 2024 19:28
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Gujarat 8650 Youth Got Free Adventure Activities Training

Gujarat 8650 Youth Got Free Adventure Activities Training: गुजरात सरकार राज्य के युवाओं के बीच देखी जाने वाली उद्यमशीलता गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लगातार अलग-अलग तरह नीतियों लेकर आ रही हैं। राज्य सरकार की इन एडवेंचर एक्टिविटीज के जरिए युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आत्मविश्वास और टीमवर्क स्किल का विकास होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने में युवाओं की भूमिका बहुत ही खास है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और खेल-युवा सेवा राज्य मंत्री हर्ष सांघवी की तरफ से कई यूथ ओरिएंटेड एक्टिविटी का आयोजन किया जा रहा है। इन एक्टिविटी के तहत कुल 8,650 युवाओं को माउंट आबू-जूनागढ़ में 2021 से लेकर 2024 तक अलग-अलग सेक्टर में एडवेंचर एक्टिविटीज की फ्री ट्रेनिंग दी गई है।

गुजरात क सरकार का युवा सेवा और सांस्कृतिक गतिविधि कार्यालय माउंट आबू और जूनागढ़ में बुनियादी, साहसिक, उन्नत, कोचिंग पाठ्यक्रम जैसे मुफ्त पर्वतारोहण पाठ्यक्रमों के साथ-साथ उत्तर भारत में हिमालय परिक्रमा और शिखर चढ़ाई अभियानों का आयोजन करता है। युवाओं को प्रकृति से जोड़ने, प्रकृति का अवलोकन और संरक्षण करने के लिए हिमालय, वन क्षेत्र, सागरकांठा, सागरखेडु साइकिल रैली जैसे विभिन्न रोटेशन शिविर भी आयोजित किए जाते हैं। यह पाठ्यक्रम प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।

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एडवेंचर कोर्स में दी जाती है ट्रेनिंग

राज्य में एडवेंचर कोर्स माउंट आबू और जूनागढ़ में आयोजित किए जाते हैं। साल 2021-22 से जून 2024 तक राज्य के कुल 8,650 युवाओं को 958 प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा बुनियादी, साहसिक और उन्नत कोचिंग पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया गया है। माउंट आबू में वर्ष 2021-22 में कुल 929 युवा विभिन्न पाठ्यक्रमों से लाभान्वित हुए जबकि 678 युवा बेसिक कोर्स से जुड़े। वर्ष 2022-23 में कुल 2,255 युवा शामिल हुए, जिनमें से 1,450 युवा बेसिक कोर्स में शामिल हुए। जबकि, वर्ष 2023-24 में कुल 1,159 युवा विभिन्न पाठ्यक्रमों से लाभान्वित हुए और चालू वर्ष में मई-2024 तक कुल 691 युवा बेसिक, एडवांस और कोचिंग कोर्स का फायदा हुआ।

इसके अलावा जूनागढ़ में बेसिक और एडवेंचर कोर्स में साल 2021-22 में 1,172 युवा, साल 2022-23 में 1,450, साल 2023-24 में 594 और 420 युवा इस कोर्स से लाभान्वित हुए हैं। पिछले तीन वर्षों में 960 प्रशिक्षकों ने युवाओं को प्रशिक्षण देकर सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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फ्री में होता है शिखर चढ़ाई अभियान

राज्य सरकार द्वारा न केवल गुजरात में बल्कि राज्य के बाहर महत्वपूर्ण पहाड़ों पर भी हिमालय परिक्रमा और शिखर चढ़ाई अभियान फ्री में आयोजित किए जाते हैं। जिसमें हर साल 10 साहसी लोगों को हिमालय की परिक्रमा और भारत के दुर्गम पहाड़ों पर चढ़ने का आयोजन किया जाता है। इस कोर्स में बेसिक, एडवांस और प्रशिक्षित युवाओं का चयन किया जाता है। पिछले तीन वर्षों में लगभग 12.40 लाख रुपये की लागत से राज्य के 30 युवा हिमालय परिक्रमा से लाभान्वित हुए हैं। वहीं, पिछले तीन वर्षों में 30 युवाओं ने शिखर आरोहण के तहत लद्दाख, माउंट दावा कांगड़ी, मनिरंग जैसी प्रमुख चोटियों पर चढ़ाई की है। जिसमें करीब 25.43 लाख रुपये खर्च हुए हैं।

दी जाती हैं अलग-अलग तरह की मदद

राज्य सरकार द्वारा माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने और विश्व के पर्वतारोहियों को अलग अलग तरह की सहायताएं दी जाती हैं। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले को अधिकतम 15 लाख रुपये और दुनिया की अन्य चोटियों पर ऊंचाई के आधार पर 50 हजार से 10 लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। यह सहायता प्राप्त करने के लिए भारतीय पर्वतारोहण महासंघ (आईएमएफ) संगठन से एडवांस्ड कोर्स किया हुआ होना और आयु 45 वर्ष से कम होना अनिवार्य है। पिछले साल ही वडोदरा की निशा कुमारी को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से 15 लाख रुपये की सहायता का भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से किया गया है।

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जोन लेवल एडवेंचर एक्टिविटीज

हर साल राज्य के चार जोनों में जोन स्तरीय साहसिक शिविर आयोजित किए जाते हैं ताकि छात्र बाढ़, आग, चक्रवात जैसी आपातकालीन स्थितियों में खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकें। इस कैंप में 15 से 45 साल के छात्रों को सीपीआर सिखाया जाता है। रॉक क्लाइंबिंग, वन परिसंचरण, सुरक्षा कैसे करें और आग जैसी आपातकालीन स्थिति में क्या ध्यान रखना है जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। शिविर पांच दिनों तक चलता है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर, आपदा प्रबंधन टीम के करीब 20 प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है। हाल ही में, राजकोट में जोन स्तरीय शिविर में 150 से अधिक छात्रों को प्रशिक्षित किया गया है। जिसमें करीब पांच लाख रुपये खर्च हुए। निकट भविष्य में बनासकांठा, सूरत और खेड़ा में ऐसे शिविर आयोजित करने की योजना है।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Oct 05, 2024 06:20 PM

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