गुजरात के रियल एस्टेट बाजार के लिए गांधीनगर से बड़ी खबर आई है। प्रस्तावित सोसाइटी के संबंध में महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। अधिसूचित सोसाइटियों के संबंध में मौजूदा कानून में संशोधन लागू होंगे। यह संशोधन 22 मई से पूरे राज्य में लागू होगा। गुजरात में कई सोसाइटी हैं जिन्हें अधिसूचित सोसाइटी माना जाता है, जिन्हें सरकारी किताबों में कानूनी मान्यता नहीं मिली है। ये समितियां जो गठित हो चुकी हैं, लेकिन इन्हें एनए अप्रूवल नहीं मिला है, अधिसूचित समितियां (Notified Committees) मानी जाती हैं। राज्य भर में ऐसी 23 हजार से अधिक संपत्तियां हैं। सोसाइटी अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन विधानसभा में पेश किया गया। राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद कल नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। इस मंजूरी से नागरिकों की 23 हजार से अधिक संपत्तियों को लाभ मिलेगा, ताकि अब से उनकी संपत्तियों को कानूनी मान्यता मिल सके।
अधिसूचित सोसायटी अधिनियम (Notified Societies Act) में अमेंडमेंट से अब अर्बन एरिया और उसके आसपास की अधिसूचित (एक ऐसा एरिया जिसे सरकार द्वारा किसी स्पेशल मकसद या योजना के लिए ऑफिशियल रूप से अधिसूचित किया गया है) सोसाइटी को लाभ मिलेगा। इससे राज्य भर में लगभग 23 हजार संपत्तियों को डायरेक्ट बेनिफिट मिलेगा। इन संपत्तियों को कानूनी मान्यता प्राप्त होगी। यह पाया गया है कि अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे गुजरात के प्रमुख शहरों में अधिसूचित सोसाइटियों का रेशियो ज्यादा है।
नए संशोधन से क्या लाभ होगा?
शहरों के पिछड़े क्षेत्रों में स्थित कई अधिसूचित सोसाइटियों में रहने वाले नागरिक, जिन्हें डॉक्यूमेंट्स के जरिए मालिकाना हक नहीं मिला है, उन्हें डॉक्यूमेंट्स के माध्यम से मालिकाना हक दिया जाएगा। दस्तावेज मिलने का प्रोसेस आसान बनाया जाएगा। इससे उन निवासियों को लाभ मिलेगा जो सालों से अपना आवास होने के बावजूद अपने नाम पर मकान नहीं बनवा पा रहे हैं।
इस फैसले से नागरिकों को संपत्ति संबंधी अधिकारों के साथ-साथ फाइनेंशियल, एजुकेशनल और अन्य कानूनी लाभ भी मिल सकेंगे। इससे पिछड़े क्षेत्र शहर की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे। गौरतलब है कि यह संशोधन राजस्व विभाग द्वारा विधानसभा सत्र के दौरान पेश किया गया था। राजस्व विभाग ने अमल करने के संबंध में ऑफिशियल नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
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