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गुजरात में अब कचरे से बनेगी बिजली! अहमदाबाद में चालू होगा सबसे बड़ा ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट

Gujarat Ahmedabad Largest 'Waste to Energy' Plant: गुजरात का सबसे बड़ा 'वेस्ट टू एनर्जी' प्लांट जल्द ही शुरू होने वाला है। यहां शहर के कचरे से बिजली बनाई जाएगी।

Edited By : Pooja Mishra | Updated: Oct 20, 2024 19:11
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Gujarat Ahmedabad Largest 'Waste to Energy' Plant

Gujarat Ahmedabad Largest ‘Waste to Energy’ Plant: गुजरात लगातार रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब गुजरात में कचरे से भी बिजली बनाई जाएगी। दरअसल, राज्य का सबसे बड़ा ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट जल्द ही शुरू होने वाला है। अहमदाबाद शहर में स्थित इस ‘वेस्ट टू एनर्जी’ प्लांट में शहर में निकालने वाले कचरे से हर दिन 350 मेगावॉट बिजली बनाई की जाएगी।

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प्राइवेट कंपनी के साथ हुआ MoU

इस प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद नगर निगम और एक प्राइवेट कंपनी के बीच एक MoU साइन किए गए हैं। इस समझौते के तहत प्राइवेट कंपनी हर दिन शहर से निकलने वाले कूड़े में से एक हजार मीट्रिक टन ठोस कूड़ा जलाकर बिजली बनाएगी और कमाई करेगी। अहमदाबाद महानगर पालिका स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा कि अहमदाबाद शहर में हर दिन 4,000 मीट्रिक टन से अधिक ठोस कचरा निकलता हैं। इस 4 हजार मीट्रिक टन ठोस कचरे में से 1 हजार मीट्रिक टन ठोस कचरा प्राइवेट कंपनी को दिया जाएगा। ये कंपनी ठोस कचरे को जलाकर हर घंटे 15 मेगावाट और हर दिन 350 मेगावाट बिजली प्रोड्यूस करेगी। इससे कचरे का उचित निपटान होगा और मोदी सरकार के ‘वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट’ को ताकत मिलेगी। इससे शहर में कूड़े से राजस्व भी बढ़ेगा।

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महानगर पालिका की सबसे बड़ी चुनौती

अहमदाबाद महानगर पालिका के ठोस कचरा विभाग के लिए कचरे का उचित निपटान सबसे बड़ी चुनौती है। दूसरी तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। बाकी सभी कैटेगिरी में अहमदाबाद सबसे आगे है और उसे सबसे अधिक अंक मिले हैं। लेकिन पिराना में जमा होने वाले कूड़े के कारण स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर गिर जाता हैं। इससे अहमदाबाद को बहुत बड़ा नुकसान होता है। अब इस वेस्ट टू एनर्जी प्रोजेक्ट के तहत उत्पादित बिजली से कंपनी को फायदा होगा। देवांग दानी ने आगे कहा कि एजेंसी आरडीएफ बेस इंसीनरेशन तकनीक का उपयोग करके बॉयलरों में नगर निगम के ठोस कचरे को जलाकर 65 टीपीएच भाप उत्पन्न करेगी। यह भाप 15 मेगावाट प्रति घंटा क्षमता के टर्बाइनों के माध्यम से 15 मेगावाट प्रति घंटा बिजली प्रोड्यूस करेगी। इस प्रकार कुल 1 हजार मीट्रिक टन कूड़े से रोजाना 350 मेगावॉट बिजली पैदा होगी। जिसे पावर ग्रिड को आपूर्ति की जाएगी।

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Edited By

Pooja Mishra

First published on: Oct 20, 2024 05:12 PM

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