Gujarat Crime News: गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला दिया है। खेड़ा में मुस्लिम युवकों की सरेआम पिटाई के एक मामले में 4 पुलिस कर्मियों को 14 दिन की जेल की सजा सुनाई गई है। हालांकि ऊपरी अदालत में इसे चुनौती देने के लिए 3 महीने तक सजा पर रोक भी लगाई गई है।
जानकारी के मुताबिक खेड़ा में पिछले साल नवरात्रि में गरबा कार्यक्रम में पथराव करने वाले करीब 9 मुस्लिम युवकों को पुलिस ने सरेआम खंभे में बांधकर पिटाई की थी, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों की ओर से युवकों को मुआवजा देने और सजा के खिलाफ कोर्ट से गुजारिश भी की गई थी, लेकिन पीड़ित युवकों के मुआवजा स्वीकार करने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट ने पुलिस कर्मियों को 14 दिन की जेल की सजा सुनाई है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था पिटाई का वीडियो
बताया गया है कि पिछले साल नवरात्रि में गरबा के दौरान खेड़ा जिले के मातर के उंधेला गांव में पथराव की घटना हुई थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस ने घटना के आरोपी 9 मुस्लिम लड़कों को बांध कर पीटा था। पुलिसवालों द्वारा पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था।
इस मामले के करीब एक साल बाद अब गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को आरोपी पुलिसकर्मी को अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया है। साथ ही 14 दिन की सजा सुनाई है। हालांकि सजा को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया, जिससे उन्होंने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का समय मिल गया है।
यह भी पढ़ेंः गुजरात में एक और फर्जी अधिकारी मिला, PMO ऑफिसर बनकर लगा रहा था चूना, CBI ने दर्ज किया केस
दोनों पक्षों में नहीं हुआ समझौता
गौरतलब है कि सजा से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों ने कोर्ट में दलील दी कि यह हिरासत में यातना का मामला नहीं है, इसलिए यह अदालत की अवमानना का मामला नहीं है। इसके अलावा जिम्मेदार पुलिसकर्मी सजा न देने के बदले मुस्लिम युवकों को मुआवजा देने को भी तैयार थे, लेकिन दोनों पक्षों के बीच समझौता नहीं होने पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में आदेश सुनाया।