गुजरात के अहमदाबाद में अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन ने आज यानी 20 मई मंगलवार को सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। आज शहर के चंदोला तालाब इलाके में दूसरी स्टेज के तहत करीब 8 हजार अवैध मकानों को ढहाया जाएगा। पहली स्टेज में इलाके के लगभग 3 हजार मकानों पर बुलडोजर चलाए गए थे। अवैध मकानों पर कार्रवाई के दूसरी स्टेज के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। प्रशासन ने कार्रवाई को बिना किसी बाधा के चलाने के लिए 75 बुलडोजर और 150 डंपर तैनात किए हैं। इसके साथ ही सेफ्टी के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
बांग्लादेशी नागरिकों के ज्यादातर मकान अवैध
पहले चरण में लगभग 3 हजार अवैध मकानों को ढहाया गया था, जिनमें ज्यादातर घर अवैध बांग्लादेशियों के थे। वहीं, अब दूसरे चरण में भी प्रशासन 8 हजार अवैध निर्माणों को टारगेट बना रहा है। गुजरात पुलिस ने पिछले कुछ हफ्तों में हजारों अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है, जिनमें से बड़ी संख्या में अहमदाबाद में रह रहे बांग्लादेशी भी शामिल हैं। चंदोला लेक इलाके में चल रही इस कार्रवाई का मकसद सिर्फ अवैध कब्जों को हटाना और घुसपैठियों पर लगाम कसनी है।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat | Drone visuals from Chandola area as the second phase of demolition begins to remove illegal encroachment from an area of more than 2.5 lakh square meters. pic.twitter.com/jYDkcygOle
— ANI (@ANI) May 20, 2025
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अवैध कब्जे की शुरुआत कब हुई?
लंबे समय से चंदोला लेक का इलाका अवैध बांग्लादेशियों का गढ़ बना हुआ था, जहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग और फेक डॉक्यूमेंट्स का जाल फैला था। अवैध कब्जे की शुरुआत 1970 में हुई, जब यहां बड़ी संख्या में माइग्रेंट के लिए बस्तियां बसाई गईं। 2002 में एक NGO ने इस एरिया में सियासत नगर नाम से एक बस्ती बसाई थी। इसके बाद 2010 से लेकर 2024 के बीच चंदोला झील की जमीन पर अवैध कब्जे बढ़ोतरी होने लगी। प्रशासन के मुताबिक, इस इलाके में लोगों ने कई बड़े अवैध निर्माण किए, जिनमें कई बांग्लादेशी नागरिक भी मौजूद थे।
स्थानीय लोगों ने की थी ये मांग
गुजरात हाईकोर्ट में पहली स्टेज के दौरान लोकल लोगों ने जाकर डिमोलिशन रोकने को लेकर मांग की थी, लेकिन गुजरात कोर्ट ने तालाब पर बने सभी निर्माणों को अवैध करार देते हुए डिमोलिशन पर रोक नहीं लगाई थी। इसके बाद प्रशासन ने 4 हजार अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिए थे। अब दूसरी स्टेज में बाकी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करके तालाब का हिस्सा खाली करवाया जाएगा। प्रशासन यह भी नजर रखेगा कि खाली जगह पर फिर दोबारा कोई अवैध निर्माण न हो।
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