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गुजरात के अरावली में 10 से कम स्टूडेंट्स वाले 7 प्राइमरी स्कूलों पर लगेगा ताला

Primary Schools In Aravalli Will Be Closed: प्रदेश में प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार कम होने से अब इन पर ताले लगाने की नौबत आ गई है। शिक्षा विभाग की ओर से अब कुछ प्राइमरी स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर ली है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 1, 2024 16:05
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GUJARAT NEWS
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Primary Schools In Aravalli Will Be Closed: जिले के करीब 7 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों की संख्या 10 से कम है। इनमें कुछ स्कूलों में तो छात्रों की संख्या 3 से 4 ही है। इन स्कूलों में अगर बच्चों की संख्या नहीं बढ़ नहीं पा रही है तो इन स्कूलों को बंद करना पड़ रहा है। जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, अलग-अलग प्रावधानों, संकल्पों, शिक्षा नियमों और शिक्षा के अधिकार नियमों के तहत, गुजरात के शिक्षा विभाग द्वारा 10 या उससे कम छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया गया था। जिसके चलते अरावली के 7 प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को नजदीकी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। जबकि जरूरी परिवहन व्यवस्था बनाने और इस विद्यालय के शिक्षकों की दूसरे विद्यालयों में ड्यूटी लगाने समेत प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

क्या है नियम

बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य बुनियादी शिक्षा मिले यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार की शिक्षा नीति में शिक्षा का अधिकार कानून लाया गया। मुंबई प्राथमिक शिक्षा अधिनियम, 1949 के नियम 32 के तहत, न्यूनतम 10 छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों को बनाए रखने के प्रावधान लागू किए गए थे, लेकिन गुजरात शिक्षा विभाग के साल 2020 के संकल्प के तहत कक्षा 6, 7 और 8 में 20 से कम छात्रों वाले स्कूलों की कक्षाएं बंद करने का भी प्रावधान था। इसके बाद जिला शिक्षा समिति अरावली द्वारा अरावली जिले में 10 या उससे कम छात्रों वाले 7 स्कूलों को बंद करने और प्राथमिक शिक्षा सेटअप रजिस्टर 2023-24 के तहत इन अलग-अलग प्रावधानों, नियमों के अनुसार दो स्कूलों में कुछ कक्षाएं बंद करने का निर्णय लिया गया।

अरावली जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी नैनेश दवे के इस आदेश के बाद, मोडासा तालुका में 3, बैद तालुका में 2 और मालपुर, धनसुरा, भिलोडा और मेघराज तालुका में एक-एक स्कूल बंद करने और कुछ कक्षाओं को बंद करने के लिए जरूरी प्रशासनिक कार्रवाई की गई, जिनमें कम छात्र थे। जिला डीपीईओ के मुताबिक, राज्य सरकार के इस फैसले के बाद इन प्रभावित स्कूलों के बच्चों को नजदीक के अधिक सुविधाओं और विषय शिक्षकों वाले स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। छात्रों को शिक्षकों के कौशल और सेवाओं से भी लाभ मिलता है।

पिछड़े वर्ग के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित

शहरों के मुकाबले गांवों में स्थिति अलग है। कुछ गांवों में ऐसे स्कूल यानी विद्या मंदिर शुरू करने के लिए दानदाताओं ने जमीन दान की है, कमरे दान किए हैं। जरूरी बुनियादी सुविधाओं के लिए स्कूलों को धन दान किया है और स्कूलों का समर्थन किया है। फिर ऐसे स्कूलों को बंद करने से दानदाताओं का उद्देश्य विफल हो जाएगा। ऐसा माना जाता है कि जो माता-पिता अपने बच्चों को पास के स्कूल में पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं, भले ही गाँव में स्कूल बंद हो, आर्थिक रूप से कमजोर, पिछड़े समाज के बच्चों की शिक्षा का नुकसान होगा।

जिले के कौन-कौन से स्कूल या स्कूल की कक्षाएं बंद हैं

  • करासनपुरकम्पा मोडासा स्कूल
  • सकरियाकम्पा मोडासा स्कूल
  • मुंशीवाड़ा मोडासा सेंट 1 से 5 कक्षा बंद (सेंट 6 से 8)
  • पिपलाना मालपुर स्कूल
  • हमीरपुरा धनसुरा सेंट 6वीं और 7वीं कक्षा ब्लॉक
  • मोतीपुरा भिलोडा स्कूल
  • मलकम्पा मेघराज स्कूल
  • बदरपुरा बॉयड स्कूल
  • वाटवाटिया बैद स्कूल

जिले में 7 स्कूल और दो स्कूलों की 7 कक्षाएं बंद कर दी गई हैं। उस समय मुंशीवाड़ा के इस स्कूल का प्राइमरी सेक्शन सेंट था। 1 से 5 को बंद करने का आदेश दिया गया है। हालांकि, इस स्कूल में हाईयर प्राइमरी सेक्शन की कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं जारी रहेंगी।

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SOURCES
HISTORY

Written By

Deepti Sharma

First published on: Aug 01, 2024 02:20 PM

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