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RGCIRC ने मेडिकल जगत में रचा इतिहास, सफलतापूर्वक पूरे किए SSI मंत्रा रोबोट के टेलीसर्जरी क्लीनिकल ट्रायल

Rajiv Gandhi Cancer Institute and Research Centre And Telesurgery: राजीव गांधी कैंसर संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र (RGCIRC) ने इतिहास रचा है। RGCIRC ने भारत की पहली टेलीसर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Aug 1, 2024 11:59
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Rajiv Gandhi Cancer Institute and Research Centre And Telesurgery: राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (RGCIRC) ने एसएसआई मंत्रा सर्जिकल रोबोटिक सिस्टम के साथ टेलीसर्जरी के क्लीनिकल ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। चिकित्सा जगत के लिए नया रास्ता बनाने वाले ट्रायल में छह सर्जिकल प्रक्रियाएं की गईं, जिसमें यूरिनरी ब्लाडर कार्सिनोमा के मरीज पर पहली सर्जरी और उसके बाद नेफ्रेक्टोमी, हिस्टरेक्टमी और सिस्टेक्टमी की गईं, जो दर्शाता है कि यह एक सुरक्षित और असरदार मेडिकल प्रैक्टिस है। इस ट्रायल की सफलता से जनता के लिए टेलीसर्जरी की सुविधा के रास्ते खुलेंगे, जोकि भारत में अभी तक बड़े स्तर पर उपलब्ध नहीं थी।

ट्रायल डॉ. सुधीर रावल, मेडिकल डायरेक्टर एंड चीफ ऑफ जेनिटो-यूरो ऑन्कोलॉजी, आरजीसीआईआरसी के नेतृत्व में डॉ. वंदना जैन, डॉ. अमिताभ सिंह और डॉ. आशीष खन्ना की एक्सपर्ट सर्जन टीम ने किया। प्रक्रियाएं बिना किसी टेक्निकल गड़बड़ी या सर्जिकल जटिलता के त्रुटिरहित तरीके से पूरी की गईं, जिससे फिर से साबित हो गया कि टेलीसर्जरी परंपरागत ऑपरेटिंग रूम के उच्च मानकों को पूरा कर सकती है। सम्पूर्ण भारत में उच्च-गुणवत्तापूर्ण हैल्थकेयर उपलब्ध कराने के उद्देश्य के साथ आरजीसीआईआरसी और एसएस इनोवेशंस काफी समय से मिलकर कार्य कर रहे हैं। यह साझेदारी ‘सर्वश्रेष्ठता के विकेन्द्रीकरण’ (डिसेंट्रलाइजिंग एक्सीलेंस) और भारत को ग्लोबल सर्जिकल इनोवेशन में लीडरशिप भूमिका में लाने के मिशन के अनुरूप है। एसएसआई रोबोटिक सिस्टम तैयार करने में आरजीसीआईआरसी ने टेक्नोलॉजी को परिष्कृत करने के लिए अतिआवश्यक क्लीनिकल फीडबैक उपलब्ध कराकर एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह सफलता ‘मेक इन इंडिया’ का एक जीता-जागता उदाहरण है, जो इसके प्रैक्टिकल एप्लीकेशन को असल जिंदगी में स्थापित करता है।

मरीजों को मिलेगा फायदा

मरीजों के हित के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी को शामिल करने के प्रति आरजीसीआईआरसी की प्रतिबद्धता फिर से जाहिर करते हुए डॉ. सुधीर रावल ने कहा कि सर्जनों को सशक्त करने और सर्जिकल तौर-तरीकों की दुनिया को एक दम बदलकर परंपरागत ऑपरेटिंग रूम के जैसा ही अनुभव सुनिश्चित करने के लिए आरजीसीआईआरसी मेडिकल टेक्नोलॉजी में हो रही उन्नति का पूरा फायदा उठाने के लिए एसएसआई के साथ मिलकर काम कर रही है। ट्रायल्स की सफलता से मेडिकल प्रक्रियाएं स्थापित करने के साथ ही एडवांस हेल्थकेयर को आम जनमानस की पहुंच में लाने में मदद मिलेगी। टेलीसर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सुपर स्पेशलिस्ट को सर्जरी के स्थान पर शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। कोई भी योग्य सर्जन ऑपरेटिंग थिएटर (ओटी) में सर्जरी का प्रबंध कर सकता है, वहीं सुपर स्पेशलिस्ट रिमोट तरीके से सर्जरी कर सकता है। इससे न केवल मेडिकल प्रोफेशनलों के ट्रैवल लागत की बचत होगी, बल्कि उच्च-गुणवत्तापूर्ण देखभाल तक मरीज की रिमोट पहुंच सुनिश्चित होकर उसके अस्पताल के खर्चे भी बचेंगे। इस तरीके से स्पेशलाइज्ड मेडिकल केयर खासकर टियर 2 और 3 शहरों में बड़े लेवल पर उपलब्ध होगी, जिससे एडवांस सर्जिकल प्रक्रियाएं ज्यादा सुलभ और किफायती बनेंगी।

सफल ट्रायल आरजीसीआईआरसी की अग्रणी प्रयासों पर आधारित हैं, जो भारत की पहली टेलीसर्जरी से शुरू हुए। एसएस इनोवेशंस के साथ मिलकर की गई शुरूआती टेलीसर्जरी हेल्थकेयर डिलीवरी में भौगौलिक रुकावटों को तोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई। फिलहाल चल रहे ट्रायल और उन्नति आरजीसीआईआरसी और एसएसआई द्वारा मेडिकल क्षेत्र में नये मानक स्थापित करने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं। ट्रायलों के सफल परिणामों से टेलीसर्जरी का भविष्य सुनहरा दिख रहा है। इस टेक्नोलॉजी से खासकर टियर 2 और 3 शहरों में हेल्थकेयर डिलीवरी में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा, जहां पर स्पेशलाइज्ड मेडिकलकेयर तक पहुंच अक्सर सीमित है। एडवांस्ड सर्जिकल प्रक्रियाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाकर आरजीसीआईआरसी और एसएसआई मेडिकल एक्सीलेंस के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं।

क्या है आरजीसीआईआरसी(RGCIRC)

साल 1996 में स्थापित हुआ राजीव गांधी कैंसर इंस्टिट्यूट एंड रिसर्च सेंटर कैंसर के उपचार के लिए एशिया के प्रमुख अद्वितीय केंद्रों में गिना जाता है, जहां अत्याधुनिक तकनीक का अनूठा फायदा और सुपर स्पेशलिस्टों की विशेषज्ञता उपलब्ध है। लगभग 2 लाख वर्ग फुट में फैले और नीति बाग में एक और सुविधा के साथ रोहिणी में 500+ बिस्तरों की वर्तमान क्षमता के साथ आरजीसीआईआरसी महाद्वीप के सबसे बड़े टर्टियरी कैंसर देखभाल केंद्रों में से एक है। साढ़े तीन लाख (3.5) से ज्यादा मरीजों के सफल इलाज के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ संस्थान पूरे शरीर की रोबोटिक सर्जरी, साइबर नाइफ, टोमोथेरेपी, ट्रू बीम (अगली पीढ़ी की इमेज गाइडेड रेडिएशन थेरेपी), इंट्रा-ऑपरेटिव ब्रैकीथेरेपी, पीईटी-एमआरआई फ्यूजन और अन्य जैसी सर्वश्रेष्ठ तकनीकें उपलब्ध कराता है।

आरजीसीआईआरसी में थ्री स्टेज एयर फिल्ट्रेशन और गैस स्केवेंजिंग सिस्टम के साथ 14 अत्याधुनिक सुसज्जित मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर और और डे-केयर सर्जरी के लिए 3 माइनर ऑपरेशन थिएटर हैं। संस्थान को लगातार भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑन्कोलॉजी अस्पतालों में घोषित किया जाता रहा है और इसे कई पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। वर्ष 2023 में आरजीसीआईआरसी को अग्रणी अमेरिकी मैग्जीन ‘न्यूज वीक’ द्वारा ऑन्कोलॉजी में एशिया पैसिफिक क्षेत्र के लिए शीर्ष विशेष अस्पताल घोषित किया गया था। और 2024 में ‘न्यूज वीक’ ने इसे ऑन्कोलॉजी के लिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल बताया था। ज्यादा जानकारी के लिए https://www.rgcirc.org/ पर क्लिक करें।

SOURCES
HISTORY

Written By

Deepti Sharma

First published on: Aug 01, 2024 11:59 AM

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