2000 Notes: दिल्ली HC पहुंचा 2 हजार नोटों को वापस लेने का मुद्दा, याचिकाकर्ता ने कहा- RBI को ये फैसला लेने का हक नहीं
2000 Currency Note
2000 Notes: दो हजार के नोटों को बैंकों में जमा करने या बदलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें आरबीआई के 19 मई की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की गई है। यह याचिका अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने दायर की है। उनका कहना है कि नोट बदलने आने वाले लोगों को बैंकों की तरफ से 500 रुपए मुआवजे के तौर पर अधिक दिया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने दिए 5 बड़ी दलीलें
- भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत किसी भी मूल्य के नोट को बंद करने के लिए आरबीआई के पास कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है।
- नोटों को बंद करने या जारी करने की शक्ति केवल आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 (2) के तहत केंद्र सरकार के पास है।
- आरबीआई की 19 मई, 2023 की अधिसूचना यह नहीं कहता है कि केंद्र सरकार ने आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 24 (2) के तहत 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का फैसला लिया है।
- केंद्र सरकार ने अभी तक 2000 रुपए के मूल्यवर्ग को चलन से वापस लेने के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
- आरबीआई गवर्नर का तर्क है कि 2 हजार के नोटों का अनुमानित जीवन काल करीब 4-5 साल है तो अन्य नोटों का भी जीवन काल सामान होना चाहिए।
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आरबीआई ने कहा- दो हजार के नोटों को वापस लेंगे
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से पिछले सप्ताह 2000 रुपये के नोट (₹ 2000 Note) को प्रचलन से बाहर करने की घोषणा की गई थी। इसके साथ ही आज यानी मंगलवार से सभी बैंकों में इन नोटों को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि 2000 रुपये के नोटों को बदलने की समय सीमा 30 सितंबर 2023 तक है। ये नोट नवंबर 2016 में जारी किए गए थे।
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