New Delhi Railway Station Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की जान चली गई। इस घटना में 25 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। जिनका उपचार लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल (LNJP) में किया जा रहा है। भगदड़ के समय स्टेशन पर मौजूद भारतीय वायु सेना के जवान अजीत का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि उनको शाम से ही भगदड़ का अंदेशा हो गया था, क्योंकि जब महाकुंभ में भगदड़ मची थी तब भी अजीत वहां पर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यहां भी महाकुंभ की तरह ही हालात बनते दिखने लगे थे। पढ़िए अजीत ने क्या कुछ कहा।
पहले ही कर दी थी अनाउंसमेंट
एयरफोर्स के जवान और आई विटनेस अजीत की स्टेशन पर स्पेशल ड्यूटी लगी थी। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर वह VIP मूवमेंट कराने के लिए आए थे। उनका कहना है कि जब वह काम खत्म करके लौट रहे थे, तो 5 बजे ही उन्हें भगदड़ का अंदाजा हो गया था। उन्होंने कहा कि जब मैं अपनी ड्यूटी से लौट रहा था, तो मैं वहां नहीं जा सका क्योंकि भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई थी। इसको देखते हुए अजीत ने लोगों को समझाने की कोशिश की, साथ ही लोगों से अपील की कि वह प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा न हों।
#WATCH | Stampede at New Delhi Railway station | A sergeant in the Indian Air Force (IAF) and eyewitness, Ajit says, “We have a tri-service office at the railway station. When I was returning after my duty I couldn’t go as there was a huge crowd… I tried to convince people and… pic.twitter.com/dnUXlOstV7
— ANI (@ANI) February 15, 2025
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मेट्रो से निकलने में लगा एक घंटा
अजीत का कहना है कि उनको भगदड़ का अंदाजा तभी हो गया था, जह वह शाम 5 बजे अपनी ड्यूटी के लिए नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन पहुंचे। उन्होंने बताया कि मेट्रो से बाहर निकलने में केवल 2 मिनट लगते हैं, लेकिन उनको बाहर आने में एक घंटा लग गया। उन्होंने कहा कि मेट्रो पर इतनी भीड़ को देखकर अंदाजा हो गया था कि यह सब लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जाएंगे। उन्होंने बताया कि जब मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में भगदड़ मची थी, तब भी मैं वहीं था। इससे मुझे अंदाजा था कि भगदड़ से पहले कितनी भीड़ होती है या भगदड़ के पहले के हालात कैसे होते हैं।
#WATCH नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ | DCP रेलवे KPS मल्होत्रा ने कहा, “…हमने भीड़ का अंदाज़ा लगया था, लेकिन यह घटना बहुत कम समय में घटित हुई… रेलवे द्वारा तथ्यों की जांच की जाएगी… जांच के बाद, हम घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएंगे…” pic.twitter.com/g1XOlNhEUl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 15, 2025
प्रशासन कर रहा कोशिश
अजीत ने कहा कि प्रशासन किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था, लेकिन कोई भी मेरी बात नहीं सुन रहा था। मैंने अपने एक दोस्त की मदद से घायल लोगों की भी मदद की। उनका कहना है कि लोगों को रोकने की बहुत कोशिश की गई, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। उनके मन में यह था कि एक ट्रेन में जगह नहीं मिली, तो दूसरी में मिलेगी। इसी के चलते इतना बड़ा हादसा हो गया।
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