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‘हार का मतलब अंत नहीं है…’, मोटिवेशनल स्पीकर तरुण राज अरोड़ा की किताब ‘हार के उस पार’ का विमोचन

नई दिल्ली: ‘हार का मतलब अंत नहीं है, बल्कि नई शुरुआत का मौका है…,’ ये बातें ब्रांडिंग गुरु और मोटिवेशनल स्पीकर तरुण राज अरोड़ा (Tarun Raj Arora) ने अपनी मोटिवेशनल किताब ‘हार के उस पार’ के विमोचन के दौरान कही। पुस्तक का विमोचन जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि और एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने किया। यह कार्यकम […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Apr 27, 2023 12:13
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Motivational Speaker Tarun Raj Arora

नई दिल्ली: ‘हार का मतलब अंत नहीं है, बल्कि नई शुरुआत का मौका है…,’ ये बातें ब्रांडिंग गुरु और मोटिवेशनल स्पीकर तरुण राज अरोड़ा (Tarun Raj Arora) ने अपनी मोटिवेशनल किताब ‘हार के उस पार’ के विमोचन के दौरान कही। पुस्तक का विमोचन जनकपुरी विधायक राजेश ऋषि और एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने किया। यह कार्यकम दिल्ली के जनकपुरी स्थित हयात सेंट्रिक होटल में 19 अप्रैल को हुआ। इस अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों के कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

कार्यक्रम में एंकर ऋचा अनिरुद्ध ने तरुण अरोड़ा से किताब की विषय वस्तु पर बात करते हुए कई प्रश्न पूछे। जिनका जवाब तरुण राज अरोड़ा ने दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि यह किताब लिखने में उन्हें 6 महीने से ज्यादा का समय लगा। किताब के बारे में उन्होंने बताया कि इस में पहले हमने कई बिजनेसमैन के बारे में सोचा और अंततः हम 20 नामों को चुनने में सफल हो पाए। हम चाहते थे कि अपने पाठकों को अलग-अलग तरह के अनुभव प्राप्त किए हुए बिजनेसमैन की कहानी सुनाई जाए, ताकि पढ़ने वाला भी इससे अलग-अलग तरह की चुनौतियों और उनके निदान के बारे में सीख सके। तरुण ने बताया कि यह किताब केवल बिजनेस करने वाले लोगों के लिए ही नहीं, आम तौर पर जीवन के मोटिवेशन में भी जरूरी है।

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किताब में 20 सफल उद्यमियों की जीवनी

इस किताब में 20 सफल उद्यमियों की जीवनी समाहित है। यह किताब इन सभी जाने माने उद्यमियों के संघर्ष तथा उस संघर्ष पर प्राप्त की गयी विजय को रेखांकित करती है। किताब को तथ्यात्मक सम्पन्नता प्रदान करने के लिए आवश्यक अनुसंधान का कार्य श्वेता शर्मा ने किया है। इसी के साथ साथ इस किताब का संपादन लेखक तथा गीतकार प्रबुद्ध सौरभ द्वारा किया गया है। किताब की भूमिका लिखने वाले लेफ्टिनेंट जनरल के. जे. सिंह ने तरुण राज अरोड़ा को किताब की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की। इसी के साथ साथ इस अनोखे विषय को पाठकों के मध्य रखने के लिए तरुण राज अरोड़ा की प्रशंसा भी की।

विधायक ने पुस्तक को सराहा

विधायक राजेश ऋषि ने वर्तमान समय में इस तरह की मोटिवेशनल किताब की आवश्यकता और उपयोगिता पर बात की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जो परिस्थितियां हैं, उनके हिसाब से मोटिवेशनल किताब का आना एक जरूरी पहल है। इसके साथ ही तरुण राज अरोड़ा को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि हमारे जनकपुरी क्षेत्र के एक निवासी ने इतनी आवश्यक किताब लिखी है।

किताब की विशेषताएं बताते हुए तरुण ने कहा की यह केवल बीस उद्यमियों की जीवनी नहीं है। बल्कि उनकी सफलताएं, विफलताएं और उनकी रणनीतियों का सार्थक अभ्यास है। तरुण बताते हैं कि यह वे उद्यमी हैं जिन्हें आज लगभग दुनिया की कुल आबादी में नब्बे प्रतिशत लोग जानते हैं। लेकिन इन सब ने कभी न कभी गुमनामी, हार या स्वीकार्यता जैसी चीज़ों का सामना किया है। हार के उस पार का दर्शन करवाने का प्रयास ही उनकी यह किताब है ऐसा तरुण राज अरोड़ा ने बताया।

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कार्यक्रम की शुरुआत बाल संत ने की

कार्यक्रम की शुरुआत में बाल संत कहे जाने वाले अभिनव अरोड़ा ने अपना व्याख्यान दिया जिसमें उन्होंने पौराणिक संदर्भ और कहानियों के माध्यम से यह बताया कि हारना सिर्फ मनुष्य के ही नहीं बल्कि ईश्वर और अवतारों के जीवन का भी हिस्सा रहा है। उन्होंने भगवान कृष्ण की कहानी के माध्यम से बताया कि हार सिर्फ प्रक्रिया का एक हिस्सा है और जिस तरह से हमारे देवताओं ने अपनी हार पर विजय पाई, वैसे ही हम सब अपनी-अपनी हार के उस पार जा सकते हैं।

इस मौके पर जाने-माने शायर और लेखक प्रबुद्ध सौरभ भी उपस्थित थे। उन्होंने अपने व्याख्यान में अपने शायराना अंदाज में किताब के बारे में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि इस किताब की भाषा को बहुत सहज रखा गया है ताकि पढ़ने वाला इसे आसानी से और रुचिपूर्ण तरीके से पढ़ सके और उतनी ही आसानी से इसे आत्मसात भी कर सके। उल्लेखनीय है कि प्रबुद्ध सौरभ ने इस किताब का संपादन भी किया है। इस मौके पर उन्होंने अपनी शायरी सुना कर महफ़िल को शायराना कर दिया।

स्टैंड अप कॉमेडियन और लाफ्टर चैंपियन विभोर चौधरी भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने। उन्होंने न सिर्फ तरुण को इस किताब पर बधाई दी, बल्कि अपने चुटीले अंदाज में वहां मौजूद दर्शकों को ठहाके लगाने पर मजबूर भी कर दिया। यूट्यूबर गौतम खट्टर भी इस मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने भी इस किताब की महत्ता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में बिजनेस के रास्ते पर चलने वाले युवाओं के लिए यह किताब एक मार्गदर्शक के रूप में उपलब्ध होगी।

तरुण ने अपने पिता को समर्पित की पुस्तक

लेखक तरुण राज अरोड़ा ने अपनी इस पहली किताब को अपने पिता देवदानी स्वर्गीय मुल्क राज अरोड़ा को समर्पित किया है। कार्यक्रम के अंत में वोट ऑफ थैंक्स ज्योति अरोड़ा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध संचालिका योगिता सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में पंजाबी एवं सिख वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह दुग्गल, अधिवक्ता पंकज आर्या (Pankaj Arya Advocate), खेल पत्रकार कुणाल वाही, बिल्डर हर्ष जुल्का और फिटनेस ट्रेनर मानसी कपूर वाही भी उपस्थित रहे।

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Written By

Bhola Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Apr 26, 2023 10:42 PM

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