Deepak Boxer: दिल्ली-NCR के सबसे बड़े गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को हिरासत में लिए जाने के बाद मैक्सिको से दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया है। इस दौरान स्पेशल सीपी, स्पेशल सेल एचजीएस धालीवाल भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। बता दें कि दीपक बॉक्सर दिल्ली के सिविल लाइंस में एक बिल्डर की हत्या समेत कई मामलों में फरार था।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचजीएस धारीवाल ने बताया कि गृह मंत्री के निर्देश पर भगोड़े के खिलाफ कार्रवाई की गई है। यह एक बड़ी कामयाबी है कि समन्वित कार्रवाई के जरिए पहली बार (एक अपराधी) मैक्सिको जैसी जगह से लाया गया है।
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धारीवाल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कई महीनों से उसका (गैंगस्टर दीपक बॉक्सर) पीछा कर रही थी। दिल्ली-एनसीआर में इससे बड़ा गैंगस्टर कोई दूसरा नहीं है। इस पर कई टीमें काम कर चुकी हैं।
अगस्त 2022 में बिल्डर की हत्या के बाद से फरार चल रहा था
दिल्ली पुलिस की एक विशेष टीम ने संघीय जांच ब्यूरो (FBI) की मदद से बॉक्सर को मैक्सिको में पकड़ा। यह पहली बार है जब दिल्ली पुलिस ने भारत के बाहर किसी गैंगस्टर को दबोचा है। अगस्त 2022 में एक हत्या करने के बाद से दीपक बॉक्सर फरार चल रहा था।
बिल्डर अमित गुप्ता को दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में एक व्यस्त सड़क पर कई बार गोली मारी गई थी। एक फेसबुक पोस्ट में बॉक्सर ने दावा किया कि गुप्ता की हत्या उसने की थी और हत्या का मकसद जबरन वसूली नहीं, बल्कि बदला लेना था।
देश छोड़ने के लिए किया था फर्जी पासपोर्ट का यूज
दीपक बॉक्सर ने ये भी दावा किया कि रियाल्टार एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह, टिल्लू ताजपुरिया गिरोह से जुड़ा था। उसने कहा कि अमित गुप्ता उस गिरोह का फाइनेंसर था। दीपक बॉक्सर गोगी गिरोह का प्रमुख था, यह पद उसने 2021 में जितेंद्र गोगी की हत्या के बाद ग्रहण किया था।
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पुलिस का कहना है कि बॉक्सर ने देश छोड़ने के लिए फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। उसने 29 जनवरी को कोलकाता से मैक्सिको के लिए उड़ान भरी थी। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दीपक बॉक्सर पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
दीपक बॉक्सर कौन है?
दीपक बॉक्सर एक 27 वर्षीय गैंगस्टर है, जो पूर्व सरगना जितेंद्र गोगी के सितंबर 2021 में मारे जाने के बाद गोगी गिरोह का नेतृत्व कर रहा था। उसने 2016 में कुख्याति हासिल की जब उसने गोगी को हरियाणा में पुलिस हिरासत से मुक्त कराया।
इस साल की शुरुआत में ऐसे आरोप लगे थे कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की मदद से बॉक्सर फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल कर देश से भाग गया था। यह बताया गया कि बिश्नोई चाहता था कि बॉक्सर विदेश से गिरोह के संचालन का प्रबंधन करे।
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