---विज्ञापन---

दिल्ली

कैश कांड मामला: पूर्व जज यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ीं, CJI ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी रिपोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट के एक पूर्व जज के घर से भारी नकदी मिलने की खबर ने पूरे देश को चौंका दिया है। अब यह मामला सीधे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक पहुंच चुका है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश की अदालतें भी अब पूरी तरह भरोसेमंद रह गई हैं या नहीं?

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 8, 2025 19:26
Former Justice Yashwant Verma
Former Justice Yashwant Verma

दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने आरोप सही पाए जाने के बाद उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उन्होंने कैश मामले में तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दिया है। रिपोर्ट में कमेटी ने पाया है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ लगे आरोप सही हैं। यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई तीन सदस्यीय जांच समिति ने 3 मई 2025 को तैयार की थी। साथ ही इसमें जस्टिस वर्मा का 6 मई को दिया गया जवाब भी जोड़ा गया है।

---विज्ञापन---

छापे में मिली भारी नकदी

यह मामला तब सामने आया जब जांच एजेंसियों ने दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज यशवंत वर्मा के घर पर छापा मारा। इस छापे में घर से बड़ी मात्रा में नकदी मिली, जिसकी सही रकम अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह रकम करोड़ों में हो सकती है। यह छापा उस समय पड़ा जब वर्मा अभी भी जज के पद पर थे। इस घटना के बाद पूरे देश में न्यायपालिका की साख और ईमानदारी पर सवाल उठने लगे। लोगों के बीच चर्चा शुरू हो गई कि अगर देश के न्यायाधीश भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जा सकते हैं, तो आम आदमी को न्याय कैसे मिलेगा?

सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने दी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। इस समिति ने सबूतों और दस्तावेजों की गहराई से जांच की और फिर 3 मई को अपनी रिपोर्ट मुख्य न्यायाधीश को सौंप दी। रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इसमें जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ लगाए गए आरोपों को सही ठहराया गया है। जांच के दौरान यशवंत वर्मा को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, जिस पर उन्होंने 6 मई को लिखित में जवाब दिया। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को यह पूरा मामला भेजा है ताकि आगे की कानूनी और संवैधानिक कार्रवाई तय की जा सके।

अब सबकी नजर सरकार और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर

अब देशभर की नजर इस बात पर है कि सरकार और सुप्रीम कोर्ट मिलकर क्या फैसला लेते हैं। अगर आरोप साबित हो जाते हैं, तो जस्टिस यशवंत वर्मा खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह मामला न केवल अदालत की साख को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब अदालतों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना कितना जरूरी हो गया है। देश के वकील, आम जनता और कानून विशेषज्ञ इस मामले की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

HISTORY

Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: May 08, 2025 07:26 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें