Delhi: दिल्ली सरकार के दो मंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दे दिया है। आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों के इस्तीफ मंजूर कर लिए हैं।
मनीष सिसोदिया आबकारी घोटाले में फंसे हुए हैं, वहीं सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। जैन को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बीते साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। तब से वे तिहाड़ जेल में हैं। जैन बिना विभाग के मंत्री पद पर थे।
सूत्रों का दावा है कि दिल्ली सरकार में कोई नया मंत्री नहीं बनाया जाएगा। मनीष सिसोदिया के पास रहे कुछ विभाग राजकुमार आनंद और कुछ विभाग कैलाश गहलोत को दिए जाएंगे। गहलोत सरकार में सड़क और पर्यावरण मंत्री हैं। वहीं राजकुमार आनंद समाज कल्याण मंत्री हैं।
जानिए क्यों गिरफ्तार हुए थे सत्येंद्र जैन?
प्रवर्तन निदेशालय ने 30 मई को सत्येंद्र जैन को स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए गिरफ्तार किया था। ईडी अब तक उनकी 4.81 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है। जांच में सामने आया था कि 2015-16 के दौरान जब सत्येंद्र जैन लोक सेवक थे, तब उन पर अधिकारों के दुरुपयोग के कई आरोप लगे थे। वहीं जैन परिवार के लोग कुछ ऐसी फर्मों से जुड़े थे, जो PMLA यानी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के दायरे में हैं। सत्येंद्र जैन ने बेटी सौम्या को मोहल्ला क्लीनिक का सलाहकार नियुक्त कर दिया था। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी।
सोमवार को गिरफ्तार हुए मनीष सिसोदिया
सोमवार यानी 27 फरवरी को शराब नीति मामले में 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से 5 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने केस में दखल देने से किया इंकार
गिरफ्तारी के खिलाफ मनीष सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पहुंचे। लेकिन राहत नहीं मिली। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने उन्हें परंपरा निभाने की सलाह दी है। साथ ही इस केस में दखल देने से भी इंकार कर दिया।
सीजेआई ने पूछा कि आप यहां क्यों आए? पहले आप को हाईकोर्ट जाना चाहिए। जमानत वहीं से लीजिए। आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि वे मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
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