Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) नेता जैस्मीन शाह को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी सरकारी आवास खाली करने और उन्हें अनधिकृत कब्जा धारक मानने के आदेशों पर रोक लगा दी है।
यह आदेश पारित नहीं किया जा सकता है
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा है कि, ‘जब जैस्मीन शाह द्वारा उन्हें दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (DDCD) के उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के आदेश के खिलाफ याचिका अदालत में लंबित है, तो इस तरह का आवास खाली कराने का आदेश पारित नहीं किया जा सकता है’।
इस निर्देश पर रोक रहेगी
मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने यह निर्देश दिया। अदालत में DDCD उपाध्यक्ष के पद से हटाए जाने के खिलाफ जैस्मीन शाह ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि याचिका में 2-3 बार सुनवाई हो चुकी है। ऐसी हालत में याची को अपने सरकारी आवासीय परिसर को खाली करने और उन्हें अनधिकृत कब्जा करने वाले के रूप में मानने के निर्देश पर रोक रहेगी।
यह है याचिका
पेश मामले की याचिका में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर लोक निर्माण विभाग के विशेष सचिव द्वारा 25 अप्रैल को जारी आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। इसी आदेश में जैस्मीन शाह को सरकारी आवास खाली करने और अवैध कब्जाधारक माना गया था।