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Arvind Kejriwal Bail Update: अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत पर लगाई रोक

Arvind Kejriwal Bail Update: अरविंद केजरीवाल जमानत मिली, जेल से बाहर आने की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन ऐन मौके पर जमानत पर रोक लग गई। बीती शाम से आज सुबह तक खेल बदल गया और अब केजरीवाल को जेल में ही रहना पड़ेगा। आइए जानते हैं कि आखिर क्या हुआ है?

अरविंद केजरीवाल
Delhi High Court Stay on Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज बहुत बड़ा झटका लगा है, क्योंकि दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी है। ED ने केजरीवाल की जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और उनकी याचिका पर जस्टिस सुधीर कुमार जैन और रविन्द्र जडेजा की बेंच ने सुनवाई की। बेंच ने दलीलें सुनने के बाद फिलहाल के लिए केजरीवाल की जमानत पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। बीते दिन ही दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें रेगुलर जमानत दी थी। वहीं ED ने जमानत के खिलाफ याचिका दायर करने के लिए 48 घंटे का समय मांगा था, लेकिन दिन निकलते ही और हाईकोर्ट खुलते ही ED ने वकील के जरिए याचिका दायर करके केजरीवाल की जमानत को चुनौती दे दी। ED की याचिका पर सुनवाई जारी है और इस बीच हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी। ED का कहना है कि निचली अदालत ने उनका पक्ष सुना तक नहीं।  

2 जून को अरविंद केजरीवाल गए थे वापस जेल

बता दें कि अरविंद केजरीवाल को ED ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी बनाया है। वे एक अप्रैल से तिहाड़ जेल में हैं। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दी थी। केजरीवाल ने 2 जून को सरेंडर किया और वापस जेल गए, लेकिन जेल जाने से पहले उन्होंने मेडिकल ग्राउंड पर 7 दिन की अंतरिम जमानत मांगी थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई। वहीं केजरीवाल की रेगुलर बेल वाली याचिका पर सुनवाई जारी रही, जिसकी फैसला कल शाम आया और आज उस फैसले पर रोक भी लग गई।  

ASG एसवी राजू ने हाईकोर्ट में रखा ED का पक्ष

ED की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू पेश हुए और ED का पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी है कि निचली अदालत ने उनका पक्ष नहीं सुना और न ही उन्हें पक्ष रखने का सही तरीके से मौका दिया गया, इसलिए केजरीवाल को जमानत देने वाले फैसले पर विचार किया जाए। वह घोटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी हैं और अगर उन्हें जमानत मिली तो वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। केस के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।


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