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दिल्ली में वाहनों की पॉल्यूशन जांच कराना हुआ महंगा, 11 साल बाद बढ़े दाम; कितनी बढ़ीं कीमतें?

Delhi PUC Certificate Fee Hike : दिल्ली सरकार ने वाहनों के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के लिए फीस को बढ़ा दिया है। तत्काल प्रभाव से की गई इस बढ़ोत्तरी के पीछे की नीति प्रदूषण को कम करने की और एयर क्वालिटी बेहतर करने की है। सरकार का मानना है कि बढ़ोतरी पर चिंताओं के बावजूद इस कदम से पर्यावरण से जुड़े मानकों का पालन करवाना ज्यादा प्रभावी तरीके से सुनिश्चित किया जा सकेगा।

 PUC Certificate Fee Hike In Delhi : दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने वाहनों के पॉल्यूशन अंडर चेक (पीयूसी) सर्टिफिकेट के लिए लगने वाले शुल्क में गुरुवार को इजाफा कर दिया। बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में 11 साल के अंतराल के बाद इस फीस में बढ़ोतरी की गई है। अब दिल्ली में लोगों को पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी दो या तीन पहिया वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए 80 रुपये, जबकि पेट्रोल, सीएनजी या एलपीजी चार पहिया और इससे ऊपर के वाहनों के लिए 110 रुपये चुकाने होंगे। इसके अलावा डीजल वाहनों के लिए यह राशि 140 रुपये कर दी गई है।

अब तक कितने पैसे चुकाने पड़ते थे?

दो या तीन पहिया वाहनों के लिए यह राशि पहले 60 रुपये थी। इसमें 20 रुपये का इजाफा किया गया है। चार पहिया वाहनों के लिए पहले फीस 80 रुपये थी। इसमें 30 रुपये बढ़ाए गए हैं। वहीं, डीजल वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट के लिए पहले 100 रुपये चुकाने पड़ते थे। इसमें 40 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

बढ़ोतरी पर क्या बोले परिवहन मंत्री?

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन की लंबे समय से चली आ रही मांग और पॉल्यूशन चेकिंग सर्विसेज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए राज्य सरकार ने दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया है। हम दिल्ली की एयर क्वालिटी को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

किसलिए जरूरी PUC सर्टिफिकेट?

दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक लगाने के लिए समय समय पर पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाती है। अगर किसी शख्स के पास वैध सर्टिफिकेट नहीं होता है तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सर्टिफिकेट बताता है कि गाड़ी मानके ज्यादा प्रदूषण नहीं कर रही है।


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