Delhi Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट पर एक छोटी सी स्पेलिंग की गलती ने हरियाणा के एक यात्री रिंकू के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी। एक मामूली गलती के चलते उसे सबके सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और बाद में उसकी गिरफ्तारी हो गई। यह मामला इसलिए और भी गंभीर हो गया क्योंकि इस गलती के पीछे एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ, जिसने एयरपोर्ट और इमिग्रेशन अधिकारियों को चौंका दिया। आइए जानते हैं, इस पूरे मामले की पूरी कहानी।
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रिंकू कौन है और वह कहां जा रहा था?
हरियाणा के भिवानी जिले के गोकलपुरा गांव का निवासी रिंकू 21-22 अगस्त की रात को बहरी न होते हुए कुवैत जाने के लिए दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पहुंचा। रिंकू नें टर्मिनल 3 से यात्रा करनी थी। उसने अपनी चेक-इन प्रक्रिया पूरी की और इसके बाद इमिग्रेशन काउंटर पर दस्तावेज जांच के लिए पहुंचा।
CDS (Customs Declaration System) दस्तावेज में मिली गड़बड़ी
जांच के दौरान, इमिग्रेशन ऑफिसर की नजर सीडीसी पर दर्ज तारीखों पर आकर टिक जाती है। आपको बता दें जब हम इमीग्रेशन चेक इन के लिए एअरपोर्ट पर जाते हैं तब वह के अधिकारी CDS (Customs Declaration System) नमक एक सॉफ्टवेयर पर हमारा डेटा डालते है। इस सॉफ्टवेयर में हर आदमी जिसने टिकट बुक किया होता है उनका पूरा डेटा होता है,और हुआ वही जो अधिकारियों को शक था जैसे ही उन्होंने रिंकू का डाटा सॉफ्टवेयर में डाला वह पकड़ा गया। क्योकि उस डाटा में आने एयर जाने की डेट्स भी गलत थी।
स्पेलिंग की गलती ने किया शक को पक्का
इमिग्रेशन अधिकारी ने जब पोर्ट के नाम पर नजर डाली तो देखा कि “कांडला” पोर्ट की स्पेलिंग गलत थी। सही स्पेलिंग “KANDLA” होती है, लेकिन दस्तावेज़ में “KNDALA” लिखा था। इस छोटी सी स्पेलिंग गलती ने अधिकारी के शक को पूरी तरह से पुख्ता कर दिया कि रिंकू के पास मौजूद दस्तावेज नकली हैं।
गिरफ्तारी और जांच
पूछताछ के बाद इमिग्रेशन विभाग ने रिंकू को एयरपोर्ट पुलिस के हवाले कर दिया। IGI एयरपोर्ट की डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, रिंकू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4), 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर सुमित की अगुवाई में एक विशेष टीम बनाई गई है।