TrendingparliamentPollutionBollywood

---विज्ञापन---

Delhi CMO के X अकाउंट को लेकर AAP-BJP में लड़ाई क्यों? सामने आई 3 बड़ी वजह

Digital battle AAP and BJP: दिल्ली सीएमओ के एक्स अकाउंट को लेकर बीजेपी और आप एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच दिल्ली सीएमओ ने एक्स को मेल कर अकांउट नाम फिर से दिल्ली सीएमओ करने को कहा है।

CMO Delhi X Account Controversy
CMO Delhi X Account Controversy: दिल्ली की सत्ता से बाहर होने के बाद आम आदमी पार्टी पर बीजेपी ने एक और बड़ा आरोप लगाया है। बीजेपी ने कहा कि आप ने एक्स पर सीएमओ दिल्ली के ऑफिशियल अकाउंट का नाम बदलकर उसे अरविंद केजरीवाल के नाम से कर दिया है। इसके अलावा आप पर दिल्ली सरकार के आधिकारिक यूटयूब चैनल से वीडियो डिलीट करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने इस मामले में एलजी से जांच कराने की अपील की है। अब सवाल यह है कि एक्स पर सीएमओ का नाम बदलने से बीजेपी खफा क्यों हैं? दिल्ली सीएमओ ने एक्स को मेल कर अकाउंट के दुरुपयोग और छेड़छाड़ से बचने के लिए मूल हैंडल को बहाल करने के लिए कहा है। जब सोशल मीडिया अकाउंट की बात आती है तो लड़ाई मेमोरी को लेकर नहीं होती है। केजरीवाल सरकार ने करीब 10 सालों तक इसका इस्तेमाल किया। अब असल में लड़ाई एक्स हैंडल की नहीं है, वह तो दूसरा क्रिएट किया जा सकता है। बीजेपी सोशल मीडिया की उपयोगिता को जानती है, इसलिए असली लड़ाई फाॅलोअर्स को लेकर है। ये फाॅलोअर्स ऐसे होते हैं जो किसी माइक्रोब्लाॅगिंग साइट पर किसी पार्टी के पक्ष और विपक्ष में राजनीतिक राय को आकार देते हैं। ये भी पढ़ेंः दिल्ली BJP विधायक दल की बैठक कल शाम 7 बजे होगी, CM के नाम पर लगेगी मुहर

बीजेपी जानती है डिजिटल स्पेस का महत्व

बीजेपी और आप के बीच डिजिटल स्पेस की लड़ाई तीन वजहों से है। अरविंद केजरीवाल ने अपने पहले दो कार्यकाल में कई ऐसे वीडियो पोस्ट किए, जिसमें उनको अफसरों को फटकार लगाते हुए देखा गया। झुग्गियों में उन्होंने दौरे कर अधिकारियों को फटकार लगाई। इस कारण सोशल मीडिया पर उन्हें उल्लेखनीय लोकप्रियता मिली। इससे एक्स पर सीएमओ दिल्ली के हैंडल पर अचानक फाॅलोवर्स बढ़ गए। अब आप इस डिजिटल स्पेस को गंवाना नहीं चाहती है। उधर बीजेपी भी डिजिटल स्पेस की प्रभावशीलता जानती है, इसलिए वह भी फाॅलोअर बेस खोने का जोखिम नहीं उठा सकती। ये भी पढ़ेंः मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की बढ़ीं मुश्किलें, राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय को केस चलाने की दी मंजूरी


Topics:

---विज्ञापन---