नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने शनिवार को पूर्वी दिल्ली स्थित चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया। इस दौरान डीजेबी उपाध्यक्ष ने प्लांट के संचालन का निरीक्षण किया और अधिकारियों से इस प्लांट में सीवर के पानी को शोधित करने के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक की जानकारी ली।
पानी से हाइड्रो एनर्जी का उत्पादन
इस वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर बेहद कम क्षेत्रफल में इस प्लांट का निर्माण किया गया है। यह प्लांट सीवर के पानी से हाइड्रो एनर्जी का उत्पादन करने वाला राजधानी दिल्ली का एकमात्र वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है। निरीक्षण के दौरान दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
बेहद कम जगह में तैयार किया गया है
चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट काफी खास है। इस प्लांट में गाजीपुर ड्रेन में आने वाले सीवर के पानी को शोधित किया जाता है। साथ ही चिल्ला प्लांट में यूपी से गाजीपुर ड्रेन में आने वाले सीवर के पानी को भी शोधित किया जाता है। इस प्लांट में खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए इसे बेहद कम जगह में तैयार किया गया है। यह दिल्ली का एकमात्र ऐसा वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है जिसमे सीवर के पानी से बिजली का उत्पादन किया जाता है।
बिजली का उत्पादन करने वाली इकाइयों का भी निर्माण
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो ऐसी संभावनाओं की तलाश करें जिससे आने वाले समय में इस प्लांट की हाइड्रो एनर्जी यानी सीवर के पानी से बिजली का उत्पादन करने की तकनीक का इस्तेमाल डीजेबी के दूसरे प्लांट्स में किया जा सके। चिल्ला प्लांट में हाइड्रो एनर्जी से प्लांट के संचालन की कुल खपत का 50 फीसदी बिजली उत्पादन किया जाता है। दिल्ली जल बोर्ड जो नए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बना रहा है उन सभी प्लांट्स में बिजली का उत्पादन करने वाली इकाइयों का भी निर्माण किया जा रहा है।
78 वाटर टैंकों में सीवेज का शोधित पानी भरा जाता है
डीजेबी उपाध्यक्ष ने कहा कि इस प्लांट का संचालन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वाटर विजन के तहत किया जा रहा है। सीएम के वाटर विजन के मुताबिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के शोधित पानी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पीने को छोड़कर अन्य गैर पीने योग्य उपयोग के कार्यों में किया जाए। इस प्लांट के भीतर एक फिलिंग स्टेशन बनाया गया है जिसमें रोजाना तकरीबन 78 वाटर टैंकों में सीवेज का शोधित पानी भरा जाता है। टैंकर्स के माध्यम से सीवेज के शोधित पानी को पार्कों की सिंचाई, औद्योगिक,कृषि और निर्माण कार्यों में इस्तेमाल के लिए अलग अलग जगह सप्लाई किया जाता है।
चिल्ला प्लांट के निकट बनेगी आर्टिफिशियल झील
चिल्ला वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने के दौरान डीजेबी उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने बताया कि इस प्लांट के शोधित पानी को टैंकरों द्वारा सप्लाई करने के अलावा रिचार्ज पिट बनाकर ग्राउंड वाटर को भी रिचार्ज किया जा रहा है। हालांकि फिर भी काफी शोधित पानी शेष बच जाता है। इस शोधित पानी से आसपास के क्षेत्र के ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड चिल्ला प्लांट के निकट आर्टिफिशियल झील तैयार करने पर विचार कर रहा है। आर्टिफिशियल झील को शोधित पानी से भर कर ग्राउंड वाटर को रिचार्ज किया जाएगा और उसके बाद ट्यूबवेल्स लगाकर भूजल का दोहन कर शोधित पानी को सिस्टम में वापस लाया जाएगा।
2024 तक यमुना में गिरेगा सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला सीवर का शोधित पानी
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सोमनाथ भारती ने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड का लक्ष्य है कि यमुना में गिरने वाले सीवर के पानी को इतना साफ (शोधित) कर दिया जाए कि यमुना प्रदूषित ना हो पाए। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वादे के मुताबिक 2025 से पहले यमुना को इतना स्वच्छ बना दिया जाएगा कि कोई भी उसमें डुबकी लगा सकेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि जून 2024 तक सभी वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित पानी का मानक 10/10 तक पहुंचा जाए।
मानकों से कम मानक का शोधित पानी यमुना में नहीं जाएगा
इसके लिए पुराने वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में आधुनिक तकनीक की मदद से उन्हें अपग्रेड किया जा रहा है और कई नए वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। जून 2024 के बाद किसी भी वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से निर्धारित मानकों से कम मानक का शोधित पानी यमुना में नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली जल बोर्ड यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। एक तरफ जहां सीवेज के शोधित पानी का अंतराष्ट्रीय मानक प्राप्त करने से यमुना को निर्मल बनाया जा सकेगा। वहीं दूसरी तरफ इस शोधित पानी से ग्राउंड वाटर को रिचार्ज कर दिल्ली में पानी की उपलब्धता को भी बढ़ाया जा सकेगा।