छत्तीसगढ़ का नाम आते ही अब नहीं होती नक्सलवाद पर बात: सीएम बघेल
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश की भारत के नक्शे में स्थिति ऐसी है कि यहां एक बड़ा मेडिकल हब बनने की असीम संभावनाएं हैं। यहां की भौगोलिक स्थिति और वातावरण स्वास्थ्य के अनुकूल है। वे शनिवार शाम राजधानी रायपुर स्थित एक निजी होटल में आयोजित 21वें सीजीएमपी न्यूरोकॉन 2023 कार्यक्रम के संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने वरिष्ठ न्यूरोसर्जन द्वारा लिखी पुस्तक 'ब्रेन डेथ, ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन' का विमोचन भी किया।
मेडिकल-नेटवर्क स्थापित करने में मिली कामयाबी
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पिछले पौने पांच सालों में हमने छत्तीसगढ़ में बड़ा मेडिकल-नेटवर्क स्थापित करने में कामयाबी हासिल की है। यहां शासकीय और निजी क्षेत्र के मेडिकल संस्थानों ने अद्भुत तालमेल और प्रतिभा से इस उपलब्धि को हासिल किया है। प्रदेश में न्यूरो चिकित्सा के क्षेत्र में अत्याधुनिक सुविधाएं सुलभ हुई हैं और विशेषज्ञ चिकित्सकों का लाभ छत्तीसगढ़ के मरीजों को लगातार मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में 5 साल पहले यह स्थिति थी कि मलेरिया से लोगों की जानें जाती थी, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने में हम सफल हुए हैं। आज हाट-बाजार क्लीनिक योजना से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया है और दूर-दराज के इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाओं का दायरा बढ़ा है। मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि आज हमारे यहां चिकित्सा के क्षेत्र में एक मजबूत अधोसंरचना भी तैयार हो चुकी है।
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नक्सलियों को लेकर नहीं सामाजिक उत्थान को लेकर होती है बात
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अब नक्सलियों पर बात नहीं होती बल्कि कृषि, संस्कृति, सामाजिक उत्थान और नए छत्तीसगढ़ को लेकर बातें हाती है जिससे प्रदेश की नई पहचान बनी है। कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष गौतम चौड़रिया, वरिष्ठ चिकित्सक एस एन मढ़रिया और संदीप दवे ने भी संबोधित किया।
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