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पत्नी की सहमति के बिना अप्राकृतिक संबंध बनाना अपराध है या नहीं, जानें छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का फैसला

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पत्नी के साथ अवैध संबंध बनाने के आरोपी के संदर्भ में बड़ा फैसला सुनाया है। आरोप था कि महिला की मौत अप्राकृतिक संबंध बनाने की वजह से हुई। विस्तार से इस मामले के बारे में जानते हैं।

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए एक आरोपी को बरी कर दिया है। हाई कोर्ट ने एक महिला के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने के आरोपी पति को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने कहा कि सहमति या बिना सहमति के बालिग पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने पर पति पर रेप या अप्राकृतिक संबंध बनाने का आरोप नहीं लगाया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा-376 और 377 के तहत नामजद पति को बरी करने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि उसे तत्काल जेल से रिहा किया जाए। यह भी पढ़ें:मुस्लिम युवक के प्यार में पागल हिंदू महिला, पति और दो बच्चों को छोड़ UP से पहुंची बिहार; थाने में लगाए ये आरोप न्यायाधीश नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि यौन संबंध या अप्राकृतिक संबंध बनाने के दौरान पत्नी की सहमति को महत्वहीन माना जाता है। पत्नी की उम्र अगर 15 साल से कम नहीं है और पति उसके साथ संबंध बना रहा है तो इसे किसी भी सूरत में रेप नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अननेचुरल संबंध के लिए पत्नी की स्वीकृति का न होना कोई महत्व नहीं रखता है। इसलिए आरोपी के ऊपर क्राइम का कोई मामला नहीं बनता। यह भी पढ़ें:प्रयागराज की तरह वाराणसी में उमड़ी भारी भीड़, गंगा आरती को लेकर प्रशासन ने लिया ये फैसला कोर्ट में कहा गया कि धारा-375 के तहत अपराधी के तौर पर पुरुष को वर्गीकृत किया गया है। इस केस में अपील करने वाला शख्स एक पति है, वहीं, पीड़िता कोई साधारण महिला न होकर उसकी पत्नी थी। शरीर के उन्हीं हिस्सों का उपयोग संबंध बनाने के लिए किया गया है, जो सामान्य हैं। इसलिए पति-पत्नी के बीच ऐसे रिलेशन को आईपीसी की धारा 375 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।

2017 का है मामला

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अगर वाइफ की उम्र 15 साल से कम नहीं है तो पुरुष द्वारा बनाया गया संबंध रेप नहीं माना जा सकता। इसलिए कोर्ट किसी भी अप्राकृतिक संबंध को अपराध नहीं मान सकता। बता दें कि इस मामले में आरोपी पति को ट्रायल कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। अब हाई कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है। मामला 2017 का है, आरोप था कि एक शख्स ने अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए थे। इसके बाद महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। महिला ने मौत से पहले पुलिस को बयान दिए थे कि पति ने उसके साथ जबरदस्ती अप्राकृतिक संबंध बनाए थे। मेडिकल रिपोर्ट में महिला की मौत की वजह Peritonitis और Rectal Perforation को बताया गया था।


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