मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, छत्तीसगढ़ में हम बदले की नहीं, बदलाव की राजनीति करेंगे
Chhattisgarh News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में हम बदले की राजनीति नहीं बदलाव की राजनीति करेंगे फिर चाहे वह महिला हो, बेरोजगार हो या आदिवासी हों सभी के जीवन में बदलाव होने चाहिए। मुख्यमंत्री बीती शाम रायपुर के एक निजी होटल में आयोजित ‘मंच छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार की जनहित योजनाओं, सरकार द्वारा चलाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों से छत्तीसगढ़ के लोगों के चेहरे पर मुस्कान आई है। इसके फलस्वरूप राज्य में हर वर्ग तथा क्षेत्र के लोगों को आगे बढ़ने तथा एक बेहतर जीवन जीने के अवसर उपलब्ध हुए हैं। इसी दौरान उन्होंने उत्कृष्ट कार्य से विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल करने वालों को सम्मानित भी किया।
यहां लोगों के दिल और जुबान दोनों में समानता
मुख्यमंत्री बघेल ने बातचीत के दौरान कहा कि जनता से हमने जो वादे किए थे, उसको तो पूरा कर ही रहे हैं। साथ ही जो वादे नहीं किए उसे भी पूरा कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं छत्तीसगढ़ में बदले की राजनीति नहीं बदलाव की राजनीति करुंगा चाहे वह महिला हो, बेरोजगार हो या आदिवासी हों सभी के जीवन में बदलाव होने चाहिए।
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं अंबिकापुर में युवाओं से भेंट मुलाकात करके आ रहा हूं , जहां मुझे युवाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों के दिल और जुबान दोनों में समानता है। जो मेहनत करने वाले लोग हैं चाहे वों किसान हों, मजदूर हों या विक्रेता हों उनको मेहनत का दाम हमने दिया है। बेरोजगारों को हमने रोजगार दिया है।
आदिवासियों की संस्कृति को भी संरक्षण
बघेल ने आगे कहा कि लोगों की जो भावना थी, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, जो हमारी भाषा है, खान-पान संस्कार है। उसको हमने सम्मानित करने का काम किया। छत्तीसगढ़ की संस्कृति गुम हो गई थी लोग उसे नजरअंदाज कर रहे थे। जो हीनता की भावना से और पीछे कोशिश करने का प्रयास कर रहे थे, हमने छत्तीसगढ़ की प्राचीन एवं समृद्ध आदिवासियों की संस्कृति को भी संरक्षण प्रदान करते हुए देश-दुनिया में पहचान दिलाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में आदिवासी नृत्य का आयोजन किया, जिसमें देश ही नहीं विदेशी कलाकारों द्वारा भी कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाती है। इससे कला-संस्कृति के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनी है। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में 67 प्रकार के लघु वनोपजों का संग्रहण होता है जिसमें आदिवासियों, वनवासियों तथा संग्राहकों के हित में सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
कोरोनाकाल में सरकार ने हरसंभव सहायता की
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने कोरोना काल में लघु वनोपज एंव तेंदूपत्ता खरीदी का काम किया, जबकि देश में उस समय दुकान एवं फैक्ट्रियां सब बन्द थीं। ऐसे समय में छत्तीसगढ़ सरकार लोगों के साथ खड़ी रही। कोरोना संकट के समय जब देश में कहीं काम नहीं चल रहा था तब 26 लाख मनरेगा मजदूर छत्तीसगढ़ में काम कर रहे थे यह अपने आप में एक कीर्तिमान है। उन्होंने आगे कहा कि धान का सर्वाधिक मूल्य हम किसानों को दे रहे हैं। इसके साथ ही गन्ने की भी सर्वाधिक कीमत दी जा रही है। कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य हमारी सरकार ने घोषित किया है।
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