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Chhattisgarh: बिहान योजना के तहत अपनी किस्मत खुद बदल रही हैं, स्व सहायता समूह की महिलाएं

रायपुर: यह एक महिला समूह की उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी है। महासमुंद विकासखंड के ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्वसहायता समूह से जुड़कर सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की मिसाल कायम कर रही है। बिहान योजना से जुड़ी महिलायें विभिन्न आजीविका को रोजगार का साधन बना रही है। ग्राम पंचायत शेर की सुआ महिला स्वसहायता […]

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Sep 12, 2023 11:23
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रायपुर: यह एक महिला समूह की उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी है। महासमुंद विकासखंड के ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्वसहायता समूह से जुड़कर सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान की मिसाल कायम कर रही है। बिहान योजना से जुड़ी महिलायें विभिन्न आजीविका को रोजगार का साधन बना रही है। ग्राम पंचायत शेर की सुआ महिला स्वसहायता समूह की महिलायें तार जाली का निर्माण कर खेत-खलिहानों व बागड़ काम में आने वाली विभिन्न प्रकार की लोहे के तार की जाली का निर्माण कर रही। बिहान योजना से जुड़ी महिलायें विभिन्न आजीविका को अपने रोजगार का साधन बना रही है।

6 लाख रुपए की आय प्राप्त कर चुकी हैं

इस समूह के द्वारा अब तक 2000 बंडल तार जाली का निर्माण कर लिया गया है, जिसको सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में विक्रय कर लगभग 6 लाख रुपए की आय प्राप्त कर चुकी हैं। समूह की अध्यक्ष दिव्या नायक बताती हैं कि समूह में जुड़ने से पहले किसी दूसरे के यहां तार जाली बनाने का कार्य करने जाती थी। करीब दो साल पहले बिहान अंतर्गत समूह से जुड़ने हेतु प्रेरित किया गया और समूह से जुड़ कर महिलाएं कैसे आत्मनिर्भर बन सकती है कैसे खुद का स्वयं व्यवसाय कर सकती है इन सबकी जानकारी मिली।

बिहान योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं

हम सब 11 महिलाएं मिलकर, सुआ महिला स्वसहायता समूह का गठन किया। गठन के बाद समूह को आरएफ की राशि 15000 रुपए अनुदान के रूप में प्रदाय किया गया, साथ ही 2 लाख का ऋण भी समूह को प्रदाय किया गया। अन्य के यहां से तारजाली कार्य सीखने के बाद स्वयं का तार जाली बनाने का काम शुरू किया। प्राप्त ऋण से मशीन और संबंधित सामग्री खरीदी और उत्पादन करना शुरू किया। बिहान योजना से मिले सहयोग की वजह से ही आज हम सब बहनें आत्मनिर्भर बनी हैं।

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बता दें, कि स्व सहायता समूह की महिलाएं अकसर सामुदायिक आर्थिक विकास के लिए साथ मिलकर काम करती हैं। समूह के माध्यम से महिलाएं संयुक्त रूप से धन जुटा सकती हैं, ऋण ले सकती हैं, और व्यापारिक क्रियाओं में शामिल हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त, इन समूहों में महिलाएं आपसी ज्ञान और अनुभव साझा कर सकती हैं, जिससे उनका विकास होता है और उन्हें सामाजिक समरसता की दिशा में भी मदद मिलती है। ये महिलाएं विभिन्न काम करके अपने परिवारों को पालने और जीवनस्तर में सुधार करने के साथ-साथ अपनी किस्मत बदल रही हैं तथा समाज में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

First published on: Sep 12, 2023 11:23 AM

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