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पवन सिंह के नामांकन को मिली मंजूरी, काराकाट में गरजे भोजपुरी स्टार, कहा- बेटा बनकर सेवा करूंगा

Pawan Singh Karakat Election News: भोजपुरी सिंगर पवन सिंह का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है। इसी के साथ पवन सिंह अपने संसदीय क्षेत्र में एक्टिव हो गए हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। औरंगाबाद में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पवन सिंह ने विकास का भरोसा जताया है।

Pawan Singh in Karakat Lok Sabha Election
Pawan Singh Karakat Nomination Approved: भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है, जिसके बाद पवन सिंह फुल फॉर्म में आ गए हैं। पवन सिंह जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं और उन्होंने विरोधियों के छक्के छुड़ाने का पूरा मन बना लिया है। इसी कड़ी में पवन सिंह ने काराकाट के औरंगाबाद में चुनावी रैली का आगाज किया। यहां के नबीनगर गांव में लोगों को संबोधित करते हुए पवन सिंह ने विपक्षी दलों पर खूब हमला बोला है। पवन सिंह का विकास मॉडल पवन सिंह ने कहा कि पवन बेटा बनकर काराकाट की सेवा करेगा। पवन सिंह आपके लिए बेटा और भाई के रूप में वो सब काम करेगा, जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं। काराकाट के साथ अब तक छल होता आया है मगर अब नहीं होगा। पवन सिंह के सांसद बनते ही काराकाट में विकास होगा और ये विकास हवा में नहीं बल्कि सरजमीं पर दिखाई देगा। लोगों को ये महसूस होगा कि पवन जनता की सेवा कर रहा है। मां ने किया था नामांकन बता दें कि पवन सिंह की मां प्रतिमा देवी ने भी काराकाट से नामांकन किया था। पवन सिंह की मां के गुपचुप तरीके से हुए इस नामांकन के बाद खबरें सामने आने लगी थी कि काराकाट में मां और बेटे की लड़ाई देखने को मिलेगी। मगर बाद में पवन सिंह ने साफ किया कि ऐसा कुछ नहीं है। पवन सिंह को शक था कि उनका नामांकन रद्द हो सकता है। इसलिए उन्होंने मां का पर्चा भी दाखिल करवा दिया। ऐसे में अगर पवन सिंह का नामांकन कैंसिल होता तो उनकी जगह प्रतिमा देवी चुनाव लड़ती और पवन सिंह मां के लिए प्रचार करते नजर आते। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। पवन सिंह के नामांकन को हरी झंडी मिल गई। अपनी ही पार्टी के सदस्य को देंगे टक्कर गौरतलब है कि पवन सिंह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य थे। भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट भी दिया था। मगर तब पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया और बाद में उन्होंने काराकाट से चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि इस सीट पर भाजपा ने उपेंद्र कुशवाहा को उतारा, इसलिए पवन सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार बनकर चुनावी मैदान में एंट्री की। पवन सिंह के आने से काराकाट का रण काफी दिलचस्प हो गया। 'कुशवाहा लैंड' में कैसे जीतेंगे पवन सिंह? काराकाट लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां सातवें चरण में 1 जून को मतदान होंगे। वहीं नामांकन वापस लेने की आखिरी तिथि 17 मई थी। अब देखना दिलचस्प होगा कि काराकाट में जीत हासिल करने के लिए पवन सिंह कौन से नए पैंतरे आजमाते हैं क्योंकि इस सीट को 'कुशवाहा लैंड' भी कहा जाता है और इस सीट पर हमेशा से महाबली कुशवाहा और उपेंद्र कुशवाहा का कब्जा रहा है।


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