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पटना के अशोक राज पथ को जल्द मिलेगी ट्रैफिक जाम से मुक्ति, पूरा होने वाला है डबल-डेकर फ्लाईओवर का काम

पटना के अशोक राजपथ पर 422 करोड़ की लागत से बन रहा डबल-डेकर फ्लाईओवर अप्रैल में चालू होगा। यह पटना का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर है, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक समस्या खत्म होने की उम्मीद है।

राजधानी के अशोक राजपथ पर यातायात को सुगम बनाने और जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए बनाए जा रहे डबल-डेकर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। यह परियोजना 422 करोड़ की लागत से तैयार की जा रही है। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया और परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष शीर्षत कपिल समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

अप्रैल में होगा लोकार्पण

पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य इसी माह पूरा कर लिया जाएगा। इसे अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। इस डबल-डेकर फ्लाईओवर की कुल लंबाई 2.2 किमी है। पहला स्तर 1.5 किमी लंबा होगा, जो पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक फैला होगा, जबकि दूसरा स्तर कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक जाएगा।

पटना मेट्रो से भी होगी कनेक्टिविटी

इस फ्लाईओवर को पटना मेट्रो, बाकरगंज नाला पर सड़क और पीएमसीएच में प्रस्तावित मल्टी-लेवल कार पार्किंग से जोड़ा जाएगा। साथ ही, इसे जेपी गंगा पथ (पटना रिवर फ्रंट) से कृष्णा घाट से लिंक किया जाएगा। यह फ्लाईओवर अशोक राजपथ, पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय और पटना सिटी क्षेत्र में यातायात का दबाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका सबसे अधिक लाभ छात्रों, मरीजों और व्यापारियों को मिलेगा, जिन्हें अब ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।

आधुनिक तकनीक से बन रहा है डबल-डेकर फ्लाईओवर

इस डबल-डेकर फ्लाईओवर को आधुनिकतम तकनीक से तैयार किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि परियोजना का आधारभूत निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और अब सुपर-स्ट्रक्चर तथा फिनिशिंग कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।

परिवहन व्यवस्था में होगा ऐतिहासिक बदलाव

इस फ्लाईओवर के चालू होने से पटना की यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। गांधी मैदान से साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज से गांधी मैदान की ओर आने-जाने वाले वाहनों को अलग-अलग स्तर पर नियंत्रित किया जा सकेगा, जिससे सड़क पर वाहनों का दबाव कम होगा। मंत्री ने विश्वास जताया कि यह परियोजना राजधानी के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित होगी और पटना को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित ट्रांसपोर्ट सिस्टम प्रदान करेगी।


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