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Land For Job Scam में ED की बड़ी कार्रवाई, लालू यादव का करीबी गिरफ्तार

ED Action on Land For Job Scam: केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उम्मीद है कि उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ED पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी।

ED Action on Land For Job Scam: जमीन के बदले नौकरी घोटाले में राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के एक करीबी सहयोगी अमित कात्याल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। इस गिरफ्तारी के बाद से लालू यादव के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

पूछताछ के बाद गिरफ्तारी

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लिया और फिर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। उम्मीद है कि उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ED पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग करेगी। सूत्रों ने कहा कि कात्याल पिछले करीब दो महीने से पूछताछ के लिए एजेंसी के समन से बच रहे थे। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में उनके खिलाफ जारी ईडी के समन को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी थी। ईडी ने इस साल मार्च में जब लालू, तेजस्वी, उनकी बहनों और अन्य के परिसरों पर छापेमारी की थी, उसी दौरान कात्याल से जुड़े ठिकानों की भी तलाशी ली गई थी।

लालू यादव के करीबी हैं कात्याल 

जांच एजेंसी के अनुसार, कात्याल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के करीबी सहयोगी होने के साथ-साथ 'एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड' के पूर्व निदेशक भी हैं। एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड इस मामले में कथित तौर पर एक 'लाभार्थी कंपनी' है और इसका पंजीकृत पता दक्षिणी दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित एक आवासीय इमारत है, जिसका इस्तेमाल तेजस्वी यादव द्वारा किया जा रहा था। यह भी पढ़ें- बिहार के गर्ल्स हॉस्टल में भी Unsafe हैं बेटियां! अकेली छात्रा को देखकर रूम में घुसा ‘हकीम’, दुष्कर्म के बाद पुलिस ने किया गिरफ्तार

क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला

बता दें कि कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप 'डी' के पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में, इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी।  


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