Bhagapur Bridge Collapse: बिहारके भागलपुर में गंगा नदी पर 1,710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे अगुवानी घाट सुल्तानगंज सड़क पुल का बड़ा हिस्सा रविवार की शाम ताश के पत्तों की ढह गया। इस पुल का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम करवा रहा है। बनाने का ठेका एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रालि को मिला था। पुल का 84 फीसदी काम पूरा हो गया था। सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पुल गिरने की जांच करेगी और कड़ी कार्रवाई करेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुल के डिजाइन की कमियों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो पुल रविवार की शाम ढहा, वही पुल 2022 में भी टूटा था। मैंने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। इसका निर्माण सही ढंग से नहीं हो रहा है, जिससे यह बार-बार गिर रहा है। विभाग इसे देखेगा और कार्रवाई की जाएगी।
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देखिए पुल ढहने और उसके बाद का VIDEO...
अगुवानीघाट और सुल्तानगंज को जोड़ने वाले भागलपुर पुल का करीब 200 मीटर हिस्सा रविवार की शाम सात बजे के आसपास ढह गया। उस वक्त कर्मचारी काम बंद कर चुके थे। इसलिए कोई जनहानि नहीं हुई है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है।
तेजस्वी यादव ने क्या बोला?
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जब इससे पहले भी पुल गिरने की घटना हुई थी, तब भी हम आशंका में थे कि हमें सभी सेगमेंट की जांच करानी चाहिए। रिव्यू मीटिंग भी की गई। IIT रुड़की ने 30 अप्रैल 2022 में पुल गिरने का कारण आंधी तूफान बताया। हमें इसके डिजाइन में पहले से ही फॉल्ट था, इसे पूरे तरीके से ध्वस्त करके फिर से कार्य प्रारंभ करने का हमारा निर्णय था।
हम पहले क्लीयर थे कि इस ब्रिज को नए सिरे बनाने में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, IIT रुड़की की एक रिपोर्ट आ गई है इस मामले में पूरी रिपोर्ट आ जाएगी। इस कार्य के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
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विपक्ष ने नीतीश-तेजस्वी सरकार पर जमकर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनवाला ने इसे भ्रष्टाचार का पुल बताया, जबकि सुल्तानगंज से जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि पुल का उद्घाटन इस साल के अंत में नवंबर-दिसंबर तक हो जाएगा। इसकी जांच होनी चाहिए।
भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि पुल गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसकी जांच होनी चाहिए। बिहार सरकार धृतराष्ट्र की तरह आंख बंद न कर सभी पुल की सुरक्षा जांच कराएं।
वहीं, बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीयत में जब खोट होगा तो नीति कैसे सफल होगी। एक बार सुलतानगंज के तरफ पुल गिरा था और आज खगड़िया की ओर गिरा है। कई पुल पुर्णिया में भी गिरे हैं, बिहार के अंदर यह कमीशनखोरी की प्रथा गुणवत्ता विहीन काम चरम पर है। जिसकी छवि दिखाई दे रही है।
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