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IAS केके पाठक कौन? जिन्होंने बिहार के टीचर्स के खिलाफ की अमर्यादित टिप्पणी, लटकी गिरफ्तारी की तलवार

Bihar IAS KK Pathak Controversy: अकसर सुर्खियों में रहने वाले IAS केके पाठक एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार गिरफ्तारी की तलवार लटकी है। मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। सुनवाई अगले महीने होगी। इस बार उन्होंने टीचर्स से पंगा लिया है, जो अधिकारी का व्यवहार देखकर काफी भड़के हुए हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

बिहार शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव IAS केके पाठक।
IAS KK Pathak Controversy Side Story: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशों के बावजूद स्कूलों का समय नहीं बदला। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में टीचर्स से संवाद करते समय उनके खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया। IAS अधिकारी केके पाठक की यह हरकत इन दिनों बिहार की राजनीति में बवाल का कारण बनी हुई है। वहीं अब इस मामले में IAS पाठक के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। परिवाद मुजफ्फरपुर जिले की CJM कोर्ट में विनोद कुमार नाम टीचर ने दायर कराया है। परिवार विनोद की ओर से अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर किया, जिस पर 4 मार्च को सुनवाई होगी।  

परिवार में IAS के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग

मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि परिवाद दायर करके राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के मुख्य अपर सचिव केके पाठक के खिलाफ IPC की धारा 504 और 506 के तहत FIR दर्ज कराने की मांग की गई है। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि बीते दिनों अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग केके पाठक द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके शिक्षकों के सुबह 9:15 बजे स्कूल आने को लेकर अमर्यादित टिप्पणी की गई, जिससे टीचर्स की भावनाएं आहत हुई हैं। संवाद के दौरान IAS पाठक ने गालियों का भी इस्तेमाल किया। इसलिए IAS अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।  

लालू यादव और सुशील मोदी से रह चुका विवाद

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केके पाठक 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। उत्तर प्रदेश में जन्मे पाठक अपने कड़क स्वभाव और फटाफट फैसले लेने वाले व्यवहार के लिए मशहूर हैं। उनका विवादों से भी पुराना नाता रहा है। पिछले महीने उनके अचानक 'लंबी छुट्टी' मांगने के कारण विवाद हो गया था। वे पहली बार 1996 में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक अस्पताल का उद्घाटन सफाई कर्मचारी से करवाया था। अपनी वर्किंग के चलते वे प्रदेश के पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। 2010 में वे सेंटर में डेप्युटेशन पर दिल्ली चले गए, लेकिन 2015 में वापस बिहार आ गए। 2018 में फिर सेंटर में चले गए और 2021 में फिर से लौट आए। 2018 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 7 मैनेजरों ने उन पर स्टाम्प ड्यूटी जमा कराने मनमानी करने का आरोप लगाते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। तब IAS पाठक पर 1.75 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था। इसके अलावा उन पर अकसर गलत शब्दावली इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहते हैं।  


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