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बिहार के 12 जिलों से गुजरेगा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, केंद्र से मिली मंजूरी

केंद्र सरकार ने बिहार के रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे के मार्गरेखा को मंजूरी दे दी है। इससे दो देश और 3 राज्यों में बिजनेज, सुरक्षित यात्रा और नौकरी के अवसर को बढ़ावा मिलेगा। इसके कारण कोलकाता और पटना के बीच आना-जाना भी ज्यादा आसान हो जाएगा।

बिहार सरकार के एक और दूरदर्शी प्रयास को आज महत्वपूर्ण सफलता मिली है। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे निर्माण के मार्गरेखा को औपचारिक मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना से बिहार और नेपाल के बीच माल व यात्री परिवहन को अभूतपूर्व गति मिलेगी। इसके साथ ही राज्य के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी जिलों को व्यापक लाभ मिलेगा। विभाग की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव, मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि यह 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे रक्सौल, मोतिहारी, शिवहर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, बांका और मुंगेर सहित बिहार के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। यह बिहार की सीमा पार कर झारखंड होते हुए पश्चिम बंगाल के हल्दिया पोर्ट तक पहुंचेगा। एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 585.350 किमी होगी। जिसमें बिहार में इस एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 408 किमी रहेगी। इस परियोजना अंतर्गत 27 मेजर ब्रिज, 201 माइनर ब्रिज, 51 इंटरचेंज के अलावा बेगूसराय जिले के बिरपुर गांव के पास गंगा नदी पर लगभग 4.5 किमी लंबा पुल निर्माण भी प्रस्तावित है। इस परियोजना पर लगभग 39,000 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।

नए एक्सप्रेसवे से यात्रा का समय बचेगा

विभागीय अपर मुख्य सचिव, सिंह ने कहा कि नए एक्सप्रेसवे से रक्सौल से हल्दिया तक की यात्रा का समय 10 घंटे से भी कम रह जाएगा। एक्सप्रेसवे को 120 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे आम जनों को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुराने मार्गों पर बाईपास बनाना व्यावहारिक नहीं था। इसीलिए राज्य सरकार द्वारा नया ग्रीनफील्ड मार्ग निर्धारित करने का अनुरोध किया गया था जिसपर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा परमिशन दे दी गई है।

इन 5 एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट्स पर चल रहा है काम 

इस परियोजना की ज्यादा जानकारी देते हुए सिंह ने कहा कि यह परियोजना बिहार सरकार द्वारा निर्धारित उस विजन का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत बिहार के किसी भी कोने से राजधानी पटना की दूरी साल 2027 तक अधिकतम 3 घंटे 30 मिनट में तय की जा सके। यह केवल सड़क परियोजना नहीं है, बल्कि एक व्यापक आर्थिक परिवर्तन का मार्ग है, जो बिहार को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नक्शे पर नई पहचान देगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस मंजूरी के साथ बिहार में अब कुल 5 बड़े एक्सप्रेसवे परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जैसे-
  • रक्सौल–हल्दिया (585 किमी)
  • गोरखपुर–सिलीगुड़ी (417 किमी)
  • पटना–पूर्णिया (250 किमी)
  • बक्सर–भागलपुर (300 किमी)
  • वाराणसी–कोलकाता (161 किमी)


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