Bihar Education Director Challenges Patna DM Order: बिहार में इन दिनों स्कूलों की छुट्टी को लेकर जमकर बवाल मचा हुआ है। सोमवार को पटना जिले के सरकारी स्कूलों में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के छुट्टी को लेकर दिए गए आदेश को लेकर शिक्षा विभाग सख्त हो गया। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पटना डीएम के आदेश को ही चुनौती दे दी।
स्टूडेंट्स हो गए कंफ्यूज
निदेशक ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि पटना डीएम ने जिले के स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद करने का निर्देश दिया गया है। आपको ज्ञात होगा कि अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग केके पाठक के हस्ताक्षर से 20 जनवरी को आदेश दिया गया था। जिसमें किसी भी स्कूल को बंद करने से पूर्व विभागीय अनुमति लेने की बात कही गई है। पटना डीएम ने इसे नहीं लिया है। इसलिए आप सभी स्कूलों को खुला रखने की कार्रवाई करें। यानी अब स्कूलों की छुट्टियों को लेकर डीएम और शिक्षा विभाग आमने-सामने हो गए हैं। इसके बाद छात्र भी कंफ्यूज हो गए हैं कि आखिर स्कूल कबसे खुलेंगे।
— District Administration Patna (@dm_patna) January 21, 2024
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दरअसल, ये पूरा मामला तब शुरू हुआ जब कुछ दिन पहले नालंदा डीएम ने सर्दी को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी थीं। जब बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक अपनी छुट्टियों से लौटे तो वे एक्शन मोड में नजर आए। उन्होंने इन आदेशों को रद्द कर दिया। इसके बाद इसी तरह की छुट्टी बढ़ाने का आदेश पटना डीएम ने दिया। हालांकि उस पर भी शिक्षा विभाग एक्शन में है।
#Bihar की दो-दो टीमों के बाद अब लीजिए #Patna के स्कूलों को लेकर भी आ गए दो-दो आदेश 🙄
1. @dm_patna ने ऐलान किया कि ठंड वजह से 23 जनवरी तक क्लास 8 तक स्कूल रहेंगे बंद 🙌
2. अब #KKPathak और डीईओ ने उस आदेश को ख़ारिज करते हुए कल यानी 23 जनवरी से ही स्कूल खोलने का दिया आदेश 🤦♂️
— Syed Hussain (@imsyedhussain) January 22, 2024
कौन हैं के के पाठक?
इससे पहले के के पाठक के छुट्टियों पर जाने से ही बवाल मच गया था। कहा जा रहा था कि वे इस्तीफा दे सकते हैं। के के पाठक कई बार सुर्खियों में रह चुके हैं। उनकी छवि कड़क अफसर वाली मानी जाती है। वह 1990 बैच के आईएएस अफसर हैं। उनका पूरा नाम केशव कुमार पाठक है। के के पाठक को 1996 में गिरडीह डीएम बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने गोपालगंज में एक अस्पताल का उद्घाटन सफाईकर्मी के जरिए करवा दिया। इस मामले पर काफी बवाल हुआ था। उस वक्त सत्ता में राबड़ी सरकार थी।
Bihar में ये क्या चल रहा है?#Bihar #Patna #KKPathak pic.twitter.com/HNNlfJO0cR
— Pushpendra Sharma (@kannupushpendra) January 22, 2024
नीतीश कुमार के खास अफसर
2005 में उन्हें नीतीश सरकार में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई। उन्हें बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) का मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया। वह इससे पहले भी शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। केके पाठक 2010 और 2017-18 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। उन्होंने बिहार की आबकारी नीति लागू करने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। वह 2015 में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी को नोटिस भेजकर चर्चा में रह चुके हैं। केके पाठक का आरोप था कि सुशील मोदी उन्हें ‘सनकी’ कहते हैं। वह नीतीश सरकार के चहेते अधिकारी भी हैं। कई बार उनकी नीतीश सरकार के मंत्रियों से भी ठन चुकी है।
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