BJP candidates for Bihar elections 2025: बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट जारी हो चुकी है. उधर, बीजेपी केन्द्रीय चुनाव समिति की बिहार चुनाव के लिए उम्मीदवारों को लेकर अहम मीटिंग 5 अक्टूबर को दिल्ली में हो सकती है. मीटिंग में बिहार चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों पर मंथन हो सकता है, अगर मीटिंग में एनडीए के सहयोगी दल शामिल हुए तो सीट शेयरिंग के नए फार्मूले पर भी बात हो सकती है. अब चुनाव आयोग की टीम अक्टूबर के पहले सप्ताह में मतदान की तैयारियों का जायजा लेने पटना जाएगी. चुनाव का पहला चरण छठ पर्व के तुरंत बाद अक्टूबर के अंत में होने की संभावना है. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होगा.
बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द
इसके बाद चुनाव आयोग कभी भी बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. ऐसे में राजनीतिक दलों ने भी उम्मीदवारों का ऐलान करने की रणनीति बनानी शुरू कर दी. अभिनेता पवन सिंह भी इसी कड़ी में आरा विधानसभा से भाजपा की टिकट मांग रहे हैं. बिहार और कुछ विधानसभा उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा रही है. 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग भी आयोजित की जाएगी. बिहार में पिछला विधानसभा चुनाव कोविड-19 महामारी के साये में तीन चरणों में हुआ था.
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मुफ्त मतदाता सूची किस-किस पार्टी को मिलेगी
बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी. निर्वाचन अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता आदेश के पंद्रह दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील कर सकता है. यदि मतदाता आदेश के 30 दिनों के भीतर असंतुष्ट रहता है, तो वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पुनः अपील कर सकता है.
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इन राजनीतिक दलों को फ्री मिलेगी, इन्हें देना होगा शुल्क
भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, सीपीआई, सीपीआई-एम, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को मतदाता सूची मुफ्त मिलेगी. वहीं, जन सुराज पार्टी (जेएसपी), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), बसपा, एआईएमआईएम को शुल्क देना होगा. हार्ड कॉपी के लिए शुल्क प्रति विधानसभा क्षेत्र 100 रुपये है, जबकि पीडीएफ प्रारूप में सॉफ्ट कॉपी की कीमत प्रति विधानसभा क्षेत्र 50 रुपये है. राज्य में 243 निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण, पूरी मतदाता सूची की हार्ड कॉपी प्राप्त करने की कुल लागत लगभग 24,300 रुपये होगी. इसके विपरीत, सॉफ्ट कॉपी लेने पर यह खर्च काफी कम होकर लगभग 12,150 रुपये रह जाएगा.