बिहार में SIR की प्रक्रिया के समाप्त हो गई है। इसे लेकर चुनाव आयोग ने जानकारी साझा की। चुनाव आयोग की माने में राज्य में कुल मतदाताओं की सख्या 7.89 करोड़ है। जिसमें से 7.24 मतदाताओं ने अपने फॉर्म जमा कराए हैं। करीब 65 लाख मतदाताओं ने मतदाता पुनरीक्षण के फॉर्म जमा नहीं कराए हैं। ऐसे 1 अगस्त से जारी होने वाली लिस्ट में इन मतदाताओं का नाम नहीं रहेगा। चुनाव आयोग का कहना है कि जिनके नाम छूट गए हैं उन्हें एक मौका और दिया जाएगा। इन मतदाताओं को 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 तक ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल करने का मौका मिलेगा।
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22 लाख मतदाताओं की हो चुकी है मौत
चुनाव आयोग के मुताबिक, 65 लाख मतदाताओं में से करीब 22 लाख की मौत हो चुकी है। जबकि 36 लाख विस्थापित हैं और 7 लाख दूसरे पर स्थायी प्रवास कर रहे हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाताओं का नाम एक ही स्थान पर रखा जाएगा। इसके लिए ही तैयारी की जा रही है। एसआईआर की इस प्रक्रिया में राज्य के 38 जिलों के निर्वाचन अधिकारी, 243 ईआरओ, 2976 एईआरओ, 77895 मतदान केंद्रों पर तैनात बीएलओ, लाखें वालंटियर और सभी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के क्षेत्रीय प्रतिनिधि शामिल रहे हैं। आयोग ने बताया कि 25 जुलाई तक इस प्रक्रिया के पहले चरण को लगभग पूरा कर लिया गया है। जिसमें 99.8 फीसदी मतदाताओं को कवर किया गया है।
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छूटे हुए मतदाताओं को फिर दिया एक और मौका
चुनाव आयोग ने बताया कि एसआईआर का उद्देश्य जो है उसे पूरा किया गया है। इस दौरान सभी राजनीतिक दलों का विशेष सहयोग रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार में सभी पात्र मतदाताओं को शामिल किया जा रहा है। इसे लेकर बार-बार लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस बार भी जिन लोगों ने फॉर्म नहीं जमा कराए हैं उन्हें फिर एक और मौका दिया जा रहा है। चुनाव आयोग ने बताया कि उनकी हर संभव कोशिश है कि चुनाव से पहले इस प्रक्रिया को अच्छी तरह से पूरा कर लिया जाए। जिससे की चुनाव के समय मतदाताओं को किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
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