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शिक्षक से नेता बनने चले ‘सर जी’ ने कैसे फैलाया भ्रम! क्या अभ्यर्थियों को भड़काया गया? बिहार में बवाल की Inside Story

Bihar News: बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर जो बवाल हुआ, उसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। पुलिस को पता लगा है कि अभ्यर्थियों को भड़काया गया था। इसमें कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है। विस्तार से मामले के बारे में जानते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Dec 7, 2024 20:01
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khan sir

Patna News: (अमिताभ ओझा, पटना) बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 13 दिसंबर को ली जाने वाली परीक्षा को लेकर पिछले एक सप्ताह से प्रदेश में बवाल मचा था। करीब 2035 पदों के लिए ली जाने वाली इस परीक्षा में चार लाख अस्सी हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। इसके लिए प्रदेश में 975 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन को लेकर ऐसा भ्रम फैला कि शुक्रवार को पटना में हजारों अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए। इस दौरान पुलिस ने कई बार लाठीचार्ज भी किया। कई छात्र जख्मी हुए, जिसके बाद देर रात तक गर्दनीबाग में अभ्यर्थियों ने धरना भी दिया। लेकिन बाद में बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नोटिफिकेशन जारी किए जाने के बाद हंगामा खत्म हुआ। लेकिन अब इस मामले में कुछ कोचिंग संचालकों की भूमिका भी सामने आई है। जिन्होंने छात्रों को भड़काने का काम किया था। इनमें कई चर्चित शिक्षक हैं।

क्या है मामला?

13 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली 70वीं परीक्षा को लेकर 23 सितंबर 2024 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। जिसमें ऑनलाइन आवेदन की तिथि 28 सितंबर से लेकर 18 अक्टूबर दी गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर 4 नवंबर तक किया गया था। विज्ञापन के अनुसार यह परीक्षा 13 दिसंबर को 12 से 2 बजे तक आयोजित की जानी है। लेकिन इसके बाद आयोग अध्यक्ष द्वारा अभ्यर्थियों की आपत्ति को देखते हुए 16 नवंबर को कुछ संचालकों और छात्र प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। लेकिन छात्रों के प्रतिनिधियों से आयोग के अध्यक्ष की बात नहीं हो सकी। इसी बीच बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा सभी जिलाधिकारियों को जारी किए पत्र में उल्लेख किया गया था कि प्रश्न पुस्तिकाएं तीन सेट में उपलब्ध करवाई जाएंगी। इसी पत्र को आधार बनाते हुए इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया।

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परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम लागू होने की बात कही गई थी। जिसके बाद विरोध शुरू हो गया। कई छात्र नेताओं और कोचिंग शिक्षकों की तरफ से सोशल मीडिया पर विरोध जताया गया। 6 दिसंबर को पटना में बिहार लोक सेवा आयोग मुख्यालय का घेराव करने की बात कही गई थी। जिसके बाद बड़ी संख्या में अभ्यर्थी बिहार लोक सेवा आयोग के सामने जुटने लगे। आयोग को भी इसकी जानकारी थी। इसलिए 4 दिसंबर को ही पटना के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आयोग कार्यालय के पास सुरक्षा बढ़ाने की मांग की गई थी।

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खान सर की एंट्री

एक तरफ बेली रोड पर आयोग के कार्यालय का घेराव करने आए अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया गया तो दूसरी तरफ गर्दनीबाग धरना स्थल पर हजारों अभ्यर्थी जमा हो गए थे। अभ्यर्थियों के बीच चर्चित शिक्षक खान सर पहुंचे। वहां कुछ और शिक्षक थे। जिनमें रहमान सर भी शामिल थे। खान सर और रहमान सर ने छात्रों को शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने को कहा, लेकिन नॉर्मलाइजेशन को लेकर भी साफ तौर पर गलत बताया। न्यूज24 से भी बातचीत में खान सर ने इसे गलत बताया।

उन्होंने कहा कि इस नियम को लागू नहीं किया जाना चाहिए था। हालांकि छात्र नेताओं का साफ तौर पर कहना था कि नवंबर में बीपीएससी द्वारा छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों और कोचिंग शिक्षकों से भी राय मांगी गई थी। जिसमें खान सर भी शामिल थे। अभ्यर्थी अदिति के अनुसार खान सर का कहना था कि इस मीटिंग में नॉर्मलाइजेशन को लेकर कोई बात नहीं हुई थी। लेकिन छात्र अब खान सर पर गुमराह करने का आरोप लगा रहे हैं।

कौन हैं खान सर?

खान सर पटना में जीएस कोचिंग सेंटर चलाते हैं। इनके यहां हजारों स्टूडेंट पढ़ते हैं। जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते हैं। कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान खान सर देश-विदेश में चर्चित हुए थे। इनके वीडियो सोशल मीडिया पर खूब देखे जाते हैं। खान सर इससे पहले अग्निवीर स्कीम को लेकर हुए हंगामे के दौरान भी चर्चा में आए थे। पटना के पत्रकार नगर थाने में उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हुई थी। जिसमें पूछताछ हुई थी। इस घटना के बाद खान सर राजनीतिक गलियारों में देखे जाने लगे थे।

अभी 26 अक्तूबर को ही खान सर बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने गए थे। चर्चा तेज हो गई थी खान सर जेडीयू ज्वाइन कर सकते हैं। इसके बाद खान सर नवंबर में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा से भी मिले थे। तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थीं। खान सर का वास्तिवक नाम फैजल खान है और वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं। कोरोना काल में अपना यूट्यूब चैनल बनाया था। 2021 में अपनी ऐप भी बनाई।

छात्रों को क्यों भड़काया गया?

यही नहीं, जब 6 दिसंबर को गर्दनीबाग थाने से खान सर को छोड़ दिया गया था तो फिर 7 दिसंबर की सुबह तक उनके कोचिंग सेंटर के ऑफिशियल एक्स हैंडल से ‘खान सर को रिहा करो’ जैसी पोस्ट वायरल हुई थीं। जिसके बाद पटना पुलिस की तरफ से बयान जारी किया गया था कि खान सर को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही हिरासत में लिया गया। पटना सचिवालय के DSP अनु कुमार के अनुसार इस मामले में छात्र नेता दिलीप कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

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बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अनुसार वे पहले भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख चुके हैं। नॉर्मलाइजेशन के अलावा परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग की गई थी। छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ है तो कार्रवाई की मांग करते हैं। जबकि आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि आयोग कोचिंग माफियाओं के इशारे पर काम कर रहा है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि वे लाठीचार्ज को लेकर नाराज हैं। छात्रों को भड़काया गया और वे जो भी लोग होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बिहार के मंत्री नीरज बबलू ने भी कार्रवाई की बात कही है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Dec 07, 2024 08:01 PM

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