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बिहार में प्रशांत किशोर समेत 2009 लोगों पर FIR, जनसुराज मार्च पर पुलिस ने लिया एक्शन

बिहार की राजधानी पटना में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने एक्शन लिया है। पुलिस ने जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर समेत 9 लोगों को नामजद और 2000 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।

पटना पुलिस ने प्रशांत किशोर और उनके नेताओं पर लिया एक्शन
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल जोर लगाए हुए हैं। इस बीच बिहार विधानसभा मार्च को लेकर जनसुराज पार्टी पर एक्शन हुआ है। पटना पुलिस ने  जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर सहित 9 लोगों को नामजद आरोपी बनाते हुए सचिवालय थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 2000 अज्ञात कार्यकर्ताओं को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।

बिना अनुमति के विधानसभा का घेराव करने का आरोप

इस मामले को लेकर सेंट्रल एसपी दक्षा कुमारी ने बताया कि जनसुराज के कार्यकर्ताओं ने बिना अनुमति के विधानसभा की ओर मार्च निकाला और प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की। उन्होंने कहा कि यह मार्च न केवल निषेधाज्ञा का उल्लंघन था बल्कि राजधानी की कानून-व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती थी। इसे देखते हुए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। एसपी दक्षा कुमारी ने बताया कि सरकारी कार्य में बाधा डालना, निषेधाज्ञा का उल्लंघन, सरकारी आदेश की अवहेलना और भीड़ इकठ्ठा कर उपद्रव फैलाने जैसे आरोप शामिल हैं।

विधानसभा का घेराव की थी कोशिश

बता दें कि बुधवार को जन सुराज के कार्यकर्ताओं ने प्रशांत किशोर के नेतृत्व में विधानसभा तक मार्च कर घेराव करने की कोशिश की थी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो कार्यकर्ताओं की उनसे झड़प हो गई। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने जन सुराज के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। इससे भीड़ तितर-बितर हो गई, लेकिन कई कार्यकर्ता घायल हो गए। इस दौरान पुलिस ने प्रशांत किशोर को पुलिस ने हिरासजत में ले लिया। कुछ घंटे हिरासत में रखने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

तीन मांगों को लेकर किया था प्रदर्शन

बुधवार को जन सुराज के कार्यकर्ताओं तीन मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है। प्रशांत किशोर का कहना है कि उनकी सरकार से तीन मांगे थी। पहली मांग थी कि साल 2023 की जातीय जनगणना में चिन्हित 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये की सहायता कब मिलेगी? 50 लाख दलित और अति पिछड़ा परिवार को 3 डिसमिल जमीन कब दी जाएगी? इसके अलावा जमीन सर्वे के नाम पर वंशावली, रसीद और दाखिल-खारिज में हो रही लूट कब तक चलती रहेगी?


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