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जन्म से गूंगा-बहरा आदर्श कैसे बन गया Robot Boy? आसान नहीं रहा बेगूसराय के लाल का संघर्ष

Begusarai News: बिहार के बेगूसराय के दिव्यांग बच्चे आदर्श पाठक की कहानी बड़ी मार्मिक है। परिवार इलाज के लिए करोड़ों की प्रॉपर्टी बेच चुका है। बच्चे के इलाज पर हर महीने 5 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी परिवार की मदद कर चुके हैं। अब परिवार ने पीएम मोदी से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।

चिराग पासवान के साथ आदर्श पाठक।
Bihar News: (जीवेश तरुण, बेगूसराय) कहते हैं भगवान मनुष्य को जन्म देते हैं और जिंदगी उसके कर्म पर छोड़ देते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी बेगूसराय से सामने आई है, जहां तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र के पपरौर के रहने वाले प्रदीप पाठक और स्वीटी पाठक के 2 पुत्र थे। एक पुत्र की करंट लगने से मौत हो गई। छोटा बेटा आदर्श पाठक 10 साल का है, जो बचपन से ही बोलने और सुनने में अक्षम है। आदर्श अभी छठी कक्षा में है। परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए बेगूसराय से लेकर भारत के हर TOP हॉस्पिटल में चक्कर काटे। लेकिन कहीं इलाज नहीं हो सका। परिवार बाद में बच्चे को इलाज के लिए अमेरिका ले गया। जहां डॉक्टरों ने एक करोड़ की डिमांड फीस के तौर पर की।

आवाज में धीरे-धीरे होगा सुधार

डॉक्टरों ने कहा कि यह बच्चा आम इंसान की तरह नहीं, बल्कि Robot की तरह सुनेगा और बोलेगा। बाद में उम्र बढने के साथ धीरे-धीरे उसकी आवाज में सुधार होगा। थके हारे परिवार ने किसी तरह सामाजिक चंदा लेकर बच्चे के मस्तिष्क में Robotic मशीन लगवाकर उसे सुनने और बोलने के लायक बना दिया। इसी बीच लॉकडाउन में घर की हालत और खराब हो गई। परिवार ने बच्चे के इलाज के लिए करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी बेच दी। अब बच्चे के इलाज के लिए परिवार के पास कुछ नहीं बचा है। माता-पिता ने PM नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है।

हर महीने चाहिए 5 लाख रुपये

माता-पिता का कहना है कि अभी भी हर महीने 5 लाख रुपए ब्रेन में लगे सॉफ्टवेयर को अपडेट करवाने पर खर्च हो रहे हैं। बच्चे को हर महीने हरियाणा के अस्पताल में ले जाना पड़ता है। बिहार के CM नीतीश कुमार से भी परिवार ने मदद मांगी था। उन्होंने मदद की भी, लेकिन अब परिवार को हर महीने 5 लाख रुपये स्थायी तौर पर चाहिए। परिवार पूरी तरह से कर्ज में डूब चुका है। Robot बॉय आदर्श पाठक के दाखिले के लिए भी बेगूसराय के स्कूल मना कर चुके हैं। यह भी पढ़ें:‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ कितना खतरनाक? केरल में अब किशोर मिला संक्रमित, 3 बच्चों की हो चुकी मौत तर्क दिया जाता है कि आदर्श के ब्रेन में अंदर-बाहर लाखों की डिवाइस लगी हुई है। जिसको लेकर वे रिस्क नहीं ले सकते। लेकिन बच्चे और परिवार ने हार नहीं मानी और अंत में एक शिक्षक उनके लिए 'भगवान' बनकर आए। जिन्होंने आदर्श को न सिर्फ अपने स्कूल में दाखिला दिया, बल्कि पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाने का ऐलान भी किया। आज आदर्श शहर के सेंट पाल स्कूल में न सिर्फ पढ़ाई करता है, बल्कि दोस्तों के साथ क्रिकेट भी खेलता है। यह भी पढ़ें:गुजरात का ‘अमीर’ चोर; मुंबई में एक करोड़ का फ्लैट, ऑडी कार और आलीशान होटलों में ठिकाना वह music भी सीखता है। उसकी हालत देख लोगों की आंखें नम हो जाती हैं। लोग बच्चे के अच्छे भविष्य की कामना करते हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से लेकर BJP के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह भी बच्चे के हौसले की तारीफ कर चुके हैं। दोनों ने भरोसा दिया है कि जल्द PM मोदी से मिलकर बच्चे के स्थायी इलाज के लिए प्रबंध करेंगे।


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