नई दिल्ली: बिहार में जारी राजनीतिक बवाल पर केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का बयान आया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भाजपा चाहती है कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने रहें। हालांकि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की ओर से साफ कर दिया गया है कि भाजपा और जदयू की राहें अलग हो चुकी हैं। वहीं नीतीश कुमार ने भी कहा है कि भाजपा ने उन्हें हमेशा अपमानित किया है और 2020 में सरकार गठन के बाद से ही भाजपा लगातार जदयू को कमजोर करने में जुटी थी।
भाजपा-जदयू के बीच दरार की अफवाहें ऐसे हुईं तेज
बिहार में एनडीए गठबंधन में भाजपा-जदयू के बीच बढ़ती दरार की अफवाहें उस समय तेज हो गईं जब नीतीश रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हुए। साथ ही जदयू नेता आरसीपी सिंह ने पार्टी के पार्टी के सभी पदों समेत प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। कभी नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगते हुए नोटिस दिए जाने के बाद पार्टी से बाहर निकलने की घोषणा की थी। हालांकि भाजपा नेताओं ने जदयू के साथ किसी भी तरह के मनमुटाव को खारिज किया है।
भाजपा ने ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जिससे भ्रम पैदा हो: कौशल किशोर
केंद्रीय मंत्री किशोर ने कहा, ‘निश्चित रूप से नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार भाजपा गठबंधन के साथ मजबूती से चलेगी. जहां तक मेरा सवाल है और अगर ऐसा होता है तो यह समय और परिस्थितियों पर निर्भर करेगा.’ मैं बिहार में राजनीतिक स्थितियों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन भाजपा की ओर से ऐसा कोई प्रयास नहीं किया गया है जिससे कोई विवाद या भ्रम पैदा हो। भाजपा निश्चित रूप से नीतीश कुमार को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में जारी रखना चाहती है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने भी किया ट्वीट, कहा- देखते हैं…
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया कि चलो देखते हैं… बिहार में “रिवर्स लोटस ऑपरेशन में क्या होता है। सिंघवी की टिप्पणी पर किशोर ने कहा कि सत्ता में मौजूद पार्टी का विरोध करना और उसके खिलाफ बोलना विपक्ष का कर्तव्य है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बीजेपी का गठबंधन मजबूती से आगे बढ़ेगा।
बता दें कि जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता था। जुलाई 2017 में नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन करने और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए महागठबंधन से नाता तोड़ लिया। 2020 के विधानसभा चुनाव में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 125 सीटें जीतीं थीं। भाजपा ने 74 सीटें जीतीं, जद (यू) ने 43 सीटें हासिल कीं, विकासशील इंसान पार्टी को चार सीटें मिलीं और हिंदुस्तान आवाम पार्टी (सेक्युलर) को चार सीटें मिलीं।