Rajeev Shukla: कांग्रेस के सांसद राजीव शुक्ला का दावा, बोले- आनंद शर्मा पार्टी से असंतुष्ट नहीं हैं
राज्य सभा सदस्य राजीव शुक्ला
नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा से मुलाकात की। मुलाकात के बाद राजीव शुक्ला ने दावा किया कि आनंद शर्मा पार्टी से असंतुष्ट नहीं है। बता दें कि एक दिन पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और जी-23 ब्लॉक के नेता आनंद शर्मा ने रविवार को पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
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मुलाकात के बाद राजीव शुक्ला ने कहा कि आनंद शर्मा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और सीनियर नेता हैं। वह राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य और राज्य चुनाव समिति के सदस्य हैं। उनसे मिलना हमारा कर्तव्य है। उनके साथ हमारे अच्छे संबंध हैं और वह पार्टी के प्रति समर्पित हैं। आनंद शर्मा ने इस्तीफा क्यों दिया, इस सवाल के जवाब में बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि यह एक आंतरिक मामला है और वे (आनंद शर्मा) असंतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने खुद कहा था कि वह पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।
एक दिन पहले आनंद शर्मा ने दिया है इस्तीफा
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने एक दिन पहले ही हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। आनंद शर्मा ने ट्विटर पर लिखा, "मैंने हिमाचल चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति की अध्यक्षता से भारी मन से इस्तीफा दिया है। यह दोहराते हुए कि मैं आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने विश्वासों पर कायम हूं।"
शर्मा ने आगे कहा, "मेरे खून में चलने वाली कांग्रेस की विचारधारा के लिए मैं प्रतिबद्ध हूं, इसमें कोई संदेह नहीं है। हालांकि, एक स्वाभिमानी व्यक्ति के रूप में निरंतर अपमान को देखते हुए मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।"
सूत्रों के मुताबिक, शर्मा ने सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में मेरी उपेक्षा की गई। हालांकि, उन्होंने सोनिया गांधी से कहा है कि वह राज्य में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे। उन्होंने कथित तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष को अपने पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श या आमंत्रित नहीं किया गया है।
26 अप्रैल को संचालन समिति के अध्यक्ष पद पर किया गया था नियुक्त
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता को 26 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश में संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। शर्मा को हिमाचल प्रदेश के बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया था, तब से राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं।
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छह दिन पहले आजाद ने भी दिया था इस्तीफा
बता दें कि छह दिन पहले कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद के इसी तरह का कदम उठाते हुए 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अभियान समिति के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि आजाद और शर्मा दोनों G23 समूह के प्रमुख नेता हैं, जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं।
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