नई दिल्ली: किसी भी स्पोर्ट्स इवेंट में राष्ट्रगान बजाने की प्रथा है। टीमें मैच से पहले मैदान में खड़ी होती हैं और अपने-अपने देश की राष्ट्रगान गाती हैं। ज्यादातर ऐसा बड़े स्पोर्ट्स इवेंट में होता है। आखिरी ऐसा क्यों होता है, आपने जानने की कोशिश की। अगर नहीं तो आज हम आपको इसके बारे में बाताने जा रहे हैं।
राष्ट्रगान की कहानी
दरअसल, ऐसी परंपरा पहले नहीं थी। राष्ट्रगान का अस्तित्व भी पहले नहीं था। 1789-1799 के फ़ांसीसी क्रांति के दौरान राष्ट्रगान प्रचलित हुआ था। धीरे-धीरे इसे लोकप्रिता मिली। अमेरिकी गृहयुद्ध के बाद इसे काफ़ी लोकप्रियता मिली और 1890 का दशक आते-आते इस गीत को औपचारिक आयोजनों जैसे झंडा फहराने और उतारने के समय बजाया जाने लगा।
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कैसे हुई शुरुआत?
प्रथम विश्व युद्ध अपने चल रहा था। 5 सितंबर 1918 को World Series के Game 1 में Boston Red Sox और Chicago Cubs के बीच बेसबॉल मैच खेला जा रहा था। खेल के सातवें-इनिंग के दौरान एक मिलिट्री बैंड ने Star-Spangled Banner बजाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते खिलाड़ी सहित पूरे स्टेडियम में आए हज़ारों लोगों ने खड़े होकर एक साथ राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया। अंत में तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा स्टेडियम गूंज गया। इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी इस गीत को बेसबॉल मैच से पहले बजाया जाने लगा। धीरे-धीरे दूसरे खेलों में भी इस मॉडल को अपनाया जाने लगा। तब से ये कायम है।
अब राष्ट्रगान हर बड़े खेल इवेंट में बजाया जाता है। क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल जैसे खेलों के मैच से पहले सभी प्लेयर्स खड़े होते हैं इसके बाद राष्ट्रगान बजाया जाता है। इस गर्व और सम्मान के रूप में देखा जाता है।
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