नई दिल्ली: इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी मोईन अली को आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। उन पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज टेस्ट की मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। मोईन को आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 का उल्लंघन करते पाया गया, जो खेल भावना के विपरीत आचरण प्रदर्शित करने से संबंधित है। आईसीसी आचार संहिता के लेवल 1 के उल्लंघन के लिए मोईन के रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक भी जोड़ा गया है। पिछले 24 महीनों में यह इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी का पहला अपराध था।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, एजबेस्टन में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 89वें ओवर के दौरान मोईन ने बाउंड्री लाइन के पास फील्डिंग करते हुए अपने गेंदबाजी वाले हाथ पर ‘ड्राइंग एजेंट’ लगाया। आसान भाषा में कहें तो ऑफ स्पिनर ने अपने गेंदबाजी वाले हाथ को सुखाने के लिए स्प्रे या क्रीम का इस्तेमाल किया। हालांकि आईसीसी ने स्वीकार किया कि उन्होंने गेंद की स्थिति में बदलाव का प्रयास नहीं किया। मोईन ने अपराध स्वीकार कर लिया इसलिए औपचारिक सुनवाई की कोई जरूरत नहीं रही।
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केवल हाथों को सुखाने के लिए उंगली पर लगाई थी क्रीम
लेवल 1 की सजा के साथ खिलाड़ी पर जुर्माना लगाने के अपने निर्णय पर पहुंचने पर मैच रेफरी ने जांच में देखा कि उन्होंने क्रीम केवल हाथों को सुखाने के लिए उंगली पर लगाई थी। क्रीम को गेंद पर कृत्रिम पदार्थ के रूप में नहीं लगाया गया। इसके परिणामस्वरूप इससे गेंद की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ।
मैदानी अंपायर अहसान रजा और मराइस इरास्मस, थर्ड अंपायर क्रिस गफाने और फोर्थ अंपायर माइक बर्न्स ने आरोप लगाए। लेवल 1 के उल्लंघन पर कम से कम फटकार, खिलाड़ी की मैच फीस का अधिकतम 50 फीसदी जुर्माना और एक या दो डिमेरिट अंक का प्रावधान है। नियम की बात करें तो गेंदबाजों को हाथ पर कुछ भी लगाने से पहले अंपायर को सूचना देनी होती है। कुछ इसी तरह का अपराध भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने किया था। आईसीसी ने उन पर भी जुर्माना लगाया था।
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