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Asian Games 2023: गन्ने को बनाया भाला, चंदा इकट्ठा कर लाई जूते, पढ़ें गोल्ड मेडलिस्ट अन्नू रानी के संघर्ष की कहानी

Asian Games 2023: एशियन गेम्स 2023 में भारत ने एक बार फिर से अपना परचम लहरा दिया है। भारत की दिग्गज एथलीट अन्नू रानी ने भाला में गोल्ड जीत लिया है। इसके अलावा पारुल चौधरी ने भी महिलाओं की 5000 मीटर में गोल्ड जीत लिया है। इस तरह यह भारत के लिए आज दूसरा गोल्ड […]

अन्नू रानी ने जीता गोल्ड।
Asian Games 2023: एशियन गेम्स 2023 में भारत ने एक बार फिर से अपना परचम लहरा दिया है। भारत की दिग्गज एथलीट अन्नू रानी ने भाला में गोल्ड जीत लिया है। इसके अलावा पारुल चौधरी ने भी महिलाओं की 5000 मीटर में गोल्ड जीत लिया है। इस तरह यह भारत के लिए आज दूसरा गोल्ड रहा। अन्नू ने आज यानी मंगलवार को भाला फेंक स्पर्धा में पहला स्थान प्राप्त किया है। अन्नू ने सीजन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 62.92 मीटर भाला फेंका और गोल्ड पदक अपने नाम कर लिया। वहीं, श्रीलंका की नदीशा दिलहान दूसरे स्थान पर रहते हुए रजत पदक अपने नाम कर लिया है।

पिता प्रैक्टिस के लिए करते थे मना

अन्नू रानी की कहानी सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। उन्होंने किस तरह से अपनी जीवन में संघर्ष कर इस मुकाम पर पहुंची है। बता दें कि अन्नू गांवों की पगडंडियों पर खेला करती थी और गन्ने को भाला बनाकर प्रैक्टिस किया करती थी। उस समय यह किसी ने भी नहीं सोचा होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। अपने संघर्ष और कड़ी मेहनत के दम पर आज पूरा देश अन्नू पर गर्व कर रहा है। अन्नू अपनी तीन बहनों और दो भाइयों में सबसे छोटी है। वह हर दिन सुबह 4 बजे उठकर कच्ची रास्तों पर दौड़ने के लिए जाती थी। कई बार उनके पिता उन्हें प्रैक्टिस के लिए मना भी किया करते थे, ऐसे में वह छिपकर प्रैक्टिस के लिए जाया करती थी। ये भी पढ़ें:- Asian Games 2023: नीरज चोपड़ा के पाकिस्तानी दोस्त को लगा झटका, एशियन गेम्स से हुए बाहर

चंदे की रकम से खरीदी थी जूते

अन्नू रानी की खेल में उत्साह को देखते हुए उनके भाई उपेंद्र कुमार ने उन्हें गुरुकुल प्रभात आश्रम का रास्ता दिखाया, जो कि घर से करीब 20 किलोमीटर दूर था। इसको लेकर अन्नू प्रैक्टिस के लिए सप्ताह में तीन दिन गुरुकुल प्रभात आश्रम के मैदान में जाती थीं। उनके भाई ने अन्नू के लिए अपनी करियर का त्याग करते हुए बहन को आगे बढ़ाने में साथ दे रहे थे। उनके भाई ने बताया कि अन्नू के पास बचपन में जूते भी नहीं थे। इसके बाद चंदे की रकम से पैसे इकट्ठे कर उसके लिए जूते खरीदे थे। इस तरह अन्नू ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर चैंपियन बन गईं।


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