World Cup 2011 Memory Unsung Heroes: 2 अप्रैल 2011 का वो दिन और सड़कों पर सन्नाटा। भारतीय क्रिकेट जगत के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन था। यह उस दौर की बात है जब टीम इंडिया के मैच वाले दिन सभी अपने-अपने घरों पर कैद हो जाते थे, फिर इस दिन तो वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला था। 8 साल बाद टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी। सभी दिलों में 2003 फाइनल की हार का जख्म था और आंखों में 1983 का सपना दोहराने की उम्मीद थी। फाइनल मुकाबले में एमएस धोनी की अगुवाई वाली टीम इंडिया का सामना हो रहा था कुमार संगकारा की कप्तानी वाली श्रीलंका से।
सिर्फ 3-4 खिलाड़ियों ने नहीं बनाया चैंपियन...
भारत ने फाइनल मुकाबला 6 विकेट से जीता और एमएस धोनी की कप्तानी में इतिहास रच दिया। देश को 28 साल के इंतजार के बाद बाद वनडे वर्ल्ड कप जीत की खुशी मिली थी। उस जीत को आज हम 13 साल बाद 2024 में भी सेलिब्रेट कर रहे हैं। मगर अक्सर देखा जाता है कि उस जीत का श्रेय तीन या चार खिलाड़ियों को ही मिलता है। मगर उसके हकदार सिर्फ 3-4 खिलाड़ी नहीं थे बल्कि वो खिलाड़ी भी थे जिनके नाम शायद आज गुमनाम हैं। उन्हें शायद ही वर्ल्ड कप की जीत में याद किया जाता होगा।
हर कोई जानता है युवराज सिंह प्लेयर ऑफ द मैच थे। हर किसी को पता है कि फाइनल में धोनी और गंभीर ने टीम को शानदार जीत दिलाई। वहीं सचिन तेंदुलकर के भी 400 से अधिक रनों के बारे में सब जानते हैं। मगर इस जीत में सिर्फ इन 3-4 खिलाड़ी ही नहीं बल्कि 10 खिलाड़ियों का योगदान था।
कौन थे भारत की जीत के वो 10 हीरो?
आप सभी ने ऊपर वाले चार नाम के खिलाड़ियों के परफॉर्मेंस को निश्चित देखा होगा। लेकिन उस दौर में युवा खिलाड़ी रहे विराट कोहली का भी उस वर्ल्ड कप जीत में अहम योगदान था। वहीं नॉकआउट मुकाबलों में टीम के लिए उपयोगी रन बनाने वाले सुरेश रैना का भी इस जीत में उतना ही योगदान था। या फिर गेंदबाजी की बात करें तो जहीर खान, मुनफ पटेल और हरभजन सिंह ने भी कई सारे विकेट झटके थे।
ओपनिंग करते हुए पहले मैच से आखिरी मैच तक वीरेंद्र सहवाग के योगदान को भी नहीं भूला जा सकता है। उस जीत में सभी 10 खिलाड़ियों ने अहम भूमिका निभाई थी। इतना ही नहीं सेमीफाइनल में चोटिल हुए आशीष नेहरा ने भी जहीर खान का बखूबी साथ दिया था।