India vs Australia: ऑस्ट्रेलिया टीम ने पांचवें और आखिरी टेस्ट में भारत को छह विकेट से हराकर रविवार को 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी पर 3-1 से कब्जा जमाया। कंगारू टीम बेशक सिडनी में मैच और सीरीज जीतने में सफल रही हो, लेकिन इसके बाद भी भारतीय कप्तान जसप्रीत बुमराह ने कंगारुओं को झटका देते हुए प्लेयर ऑफ द सीरीज अवॉर्ड पर कब्जा किया है। उन्होंने पूरी सीरीज में अपनी स्पीड का आतंक दिखाते हुए 32 विकेट झटके।
PLAYER OF THE SERIES – JASPRIT BUMRAH 🔥
---विज्ञापन---“Missed out on the spiciest wicket (pitch) of the series. But you gotta respect your body.” – he said. #AUSvIND pic.twitter.com/1MHRcprByG
— Cricket.com (@weRcricket) January 5, 2025
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बुमराह ने बनाए कई रिकॉर्ड्स
बुमराह ने 32 विकेट के साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज में किसी भी गेंदबाज द्वारा लिए गए सर्वाधिक विकेटों के मामले में हरभजन सिंह के रिकॉर्ड की बराबरी की, जिन्होंने साल 2000 में ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे के दौरान 32 विकेट झटके थे। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज बुमराह ने मौजूदा सीरीज में भारत के महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी के 31 विकेट के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ा, जिन्होंने 1977/78 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 31 विकेट लिए थे और तब उनके नाम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर किसी भारतीय द्वारा लिए गए सबसे ज्यादा विकेट विकेट लेने का रिकॉर्ड बना था।
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बुमराह के लिए यादगार रहेगी सीरीज
बुमराह ने सीरीज में तीन बार पारी में पांच विकेट लिए और पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले गए सीरीज के पहले मैच में भारत को 295 रनों से जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पर्थ में पहले टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट के साथ सीरीज की शुरुआत की और दूसरी पारी में 42 रन देकर तीन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को आउट किया पिंक बॉल से खेले गए दूसरे टेस्ट को भारत सिर्फ तीन दिन में हार गया, जहां बुमराह ने पहली पारी में चार विकेट अपने नाम किए। अहमदाबाद के 31 साल के इस गेंदबाज ने गाबा और मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेले गए तीसरे और चौथे टेस्ट में क्रमशः 9-9 विकेट अपने नाम किए।
सिडनी टेस्ट के दौरान चोटिल हुए बुमराह
सिडनी टेस्ट के दौरान बुमराह ने पीठ में ऐंठन में चलते मैदान से बाहर जाने से पहले केवल 10 ओवर गेंदबाजी की थी और वापस नहीं लौटे। खेल के बाद उन्होंने इसे निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा, ‘आपको अपने शरीर का सम्मान करना होगा। आपको यह स्वीकार करना होगा कि यह क्या है। मुझे मैच के दौरान असहजता महसूस हुई और मैं यह जांचना चाहता था कि यह क्या है। ऐसा नहीं था कि यह सीरीज एकतरफा थी। यह कड़ी टक्कर थी। लेकिन यही टेस्ट क्रिकेट है। हमारे खिलाड़ियों को बहुत कुछ सीखना है।’
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