Gautam Gambhir Head Coach: राहुल द्रविड़ के बाद पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर गौतम गंभीर को टीम इंडिया का नया हेड कोच बनाया गया था। गंभीर के कोचिंग कार्यकाल को लगभग 4 महीने बीत चुके हैं, इन चार महीनों में गौतम गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया के नाम कई शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज हो गए हैं। पहले श्रीलंका ने टीम इंडिया को 26 साल बाद वनडे सीरीज में हराया, उसके बाद अब न्यूजीलैंड ने भारत को पहली बार टेस्ट सीरीज में घर पर हराया। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली 3-0 से हार के बाद अब गौतम गंभीर की कोचिंग पर भी सवाल उठने लगे हैं। जिसके बाद बड़ा सवाल ये है कि क्या अब गौतम गंभीर का कार्यकाल खत्म हो जाएगा?
जा सकती है गंभीर की कोचिंग
भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में गौतम गंभीर का कार्यकाल छोटा हो सकता है। जुलाई में मौका मिलने के बाद गंभीर को या तो पद छोड़ना पड़ सकता है या उन्हें हटाया जा सकता है। हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में टीम इंडिया कैसा प्रदर्शन करती है।
साल 2012 के बाद से घर पर टीम इंडिया को पहली टेस्ट सीरीज में हार का सामना करना पड़ा। इससे पहले 18 सीरीज में टीम इंडिया अजेय रही थी। सबसे बुरी बात यह थी कि यह पहली बार था जब टीम इंडिया को 3 या उससे ज्यादा मैचों की सीरीज में घर पर वाइटवॉश किया गया।
Gautam Gambhir As A ICT Coach :-
---विज्ञापन---– After 27yrs, Lost A Bilateral ODI Series vs SL
– For 1st Time, Lost 30 Wickets In A 3 Match ODI Series
– After 45yrs, India Remained Winless In A Calendar Year In ODIs
– After 36yrs, India Lost Test vs NZ At Home
– After 19yrs, India Lost Test… pic.twitter.com/rac4zXPxWw— Aufridi Chumtya (@ShuhidAufridi) November 3, 2024
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गंभीर के हैरान करने वाले फैसले
पीटीआई के मुताबिक, मुंबई में बड़ी टर्निंग पिच पर गंभीर का जोर बीसीसीआई में कई लोगों को पसंद नहीं आया, खासकर तब जब न्यूजीलैंड ने पहले ही स्पिनिंग पुणे पिच पर भारत को हराकर सीरीज जीत ली थी। इसके अलावा उनके कुछ फैसले हैरान कर देने वाले रहे हैं।
जिसमें से एक था पुणे और मुंबई दोनों में पिचें सूखी होने के बावजूद दो पेसरों को खिलाने का फैसला। इसके अलावा तीसरे टेस्ट में सरफराज खान की जगह मोहम्मद सिराज और रवींद्र जडेजा को भेजना अजीब लगा। वहीं वाशिंगटन सुंदर को कम से कम एक बार रविचंद्रन अश्विन के ऊपर प्रमोट किया जा सकता था इसके बजाय उन्होंने तीन बार नौवें नंबर पर खेला।
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